नांदेड़ बम धमाका: कोर्ट ने खारिज किया हिंदू आतंकवाद का मामला
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सभी आरोपी बरी कहा-बम के बहाने गढ़ी फंसाने की कहानी
मुंबई। महाराष्ट्र के नांदेड़ की सत्र अदालत ने 2006 के बम धमाका मामले में हिंदू आतंकवाद के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि महज दक्षिणपंथी समूह से जुड़े साहित्य और संगाद सामग्री की बरामदगी को आतंकी कृत्य करार नहीं दिया जा सकता। अदालत ने नांदेड़ में अप्रैल, 2006 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता लक्ष्मण सजकोंडबार के घर में हुए धमाके में नौ लोगों को निर्दोष करार देकर बरी करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने फैसला शनिवार को सुनाया था, इसकी प्रति बुधवार को मिली।
जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीबी मराठे ने कहा कि विस्फोट स्थल से जम बरामद होने का दावा कर आरोपियों को फंसाने की कहानी गढ़ी गई थी। अभियोजन पक्ष इससे जुड़े कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सका। बचाव पक्ष का तर्क था, हिंदू आतंकवाद को चित्रित करने के लिए यह झूठी कहानी गढ़ने का उदाहरण था। फैसले के मुताबिक, चार्जशीट में आरोप है कि आरोपी व्यक्ति संघ, विहिप या बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों से जुड़े थे, पर अभियोजन पक्ष कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाया कि केंद्र सरकार ने इन संगठनों को आतंकी संगठन के रूप में अधिसूचित किया था। लिहाजा, इनसे जुड़े साहित्य, डायरी व संचार की बरामदगी मात्र को साजिश या आरोपियों के आतंकी संगठन की मदद करना नहीं माना जा सकता। तलाशी में खोजी कुत्तों को कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली थी और एफआईआर में लापरवाही से पटाखों के भंडारण से विस्फोट होना बताया गया है।