नए कानून लागू होने का यह भी बड़ा लाभ, घर बैठे दर्ज करवा सकेंगे एफआईआर

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नई दिल्‍ली. देशभर में आज सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. इसके साथ ही पुराने यानी कि औपनिवेशिक काल के कानूनों के तीन कानून खत्म कर दिए गए हैं. जिस आईपीसी और सीआरपीसी का जिक्र हम अक्सर सुनते आए हैं, वो भी अब इतिहास बन गई है. साथ ही आईईए को भी खत्म कर दिया गया है. जो तीन क्रिमिनल लॉ लागू हुए हैं, वे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) हैं. यानी आईपीसी की जगह बीएनएस, सीआरपीसी की जगह बीएनएसएस और आईईए की जगह बीएसए ने ले ली है.

भारतीय न्याय संहिता में बदलाव किया गया है. इसके अनुसार अब इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन के जरिए दी गई खबर पर भी एफआईआर लिखी जा सकेगी. यानी कि ई-मेल, वाट्सएप, और सीसीटीएनएस पोर्टल के जरिए अब एफआईआर दर्ज करवाई जा सकेगी. अब घर बैठे ही एफआईआर दर्ज करवाई जा सकेगी और थाने के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. अगर ई-एफआईअर दर्ज करवाई जाती है तो तीन दिन के भीतर पीड़ित को थाने जाना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसकी एफआईआर को फर्जी माना जाएगा.

नए कानून से आधुनिक न्याय प्राणाली सुनिश्चित की जा सकेगी. नए कानून में अब अब जीरो एफआईआर, समन के लिए एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों का इस्तेमाल, पुलिस कंप्लेंड का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, जघन्य अपराधों के लिए घटनास्थल की वीडियोग्राफी जैसे प्रावधानों को शामिल किया गया है. अगर आपके साथ कोई क्राइम हो जाए तो घर बैठे ही आप एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं.

किसी भी क्राइम की स्थिति में अगर पीड़ित सशरीर पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहता तो वह घर बैठे इलैक्ट्रोनिक माध्यम जैसे एसएमएस या ई-मेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए आप दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर जा सकते है या फिर किसी भी ई-कम्युनिकेशन माध्यम से पुलिस स्टेशन को अपनी शिकायत भेज सकते हैं.घटना की पूरी डिटेल फिल करें, अपनी पर्सनल डिटेल और साथ ही जरूरी डॉक्युमेंट्स की डिटेल भी भरें. शुरुआती वेरिफिकेशन के लिए ई-एफआईआर को जांच अधिकारी को भेजा जाएगा. इसके बाद इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर सकता है कि क्या प्रथम दृष्टया कोई मामला है या इसमें अधिकतम 14 दिन लगेंगे. ई-संचार के जरिए भेजी गई शिकायत को तीन दिन के भीतर रिकार्ड में लिया जाएगा और एफआईआर दर्ज की जाएगी.अगर तत्काल एक्शन की जरूरत है तो शिकायत के आधार पर इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर शिकायतकर्ता के आधार पर मामला दर्ज कर सकता है.

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