Ayodhya: रंगमहल में 250 साल पुराने मंडप में होता है सीता-राम विवाह
- राम मंदिर के आंगन में सजाया जा रहा मंडप, पूजन के साथ तीन दिसंबर से शुरू हो जाएगा विवाहोत्सव
रामनगरी अयोध्या में श्रीराम विवाहोत्सव की तैयारियां शुरू हो रही हैं। कहीं मंडप सज रहा है तो कहीं मंदिर को साज-सज्जा हो रही है। विवाहोत्सव के कार्यक्रम मठ-मंदिरों में एक दिसंबर से ही शुरू हो जाएंगे और सात दिसंबर तक मंदिरों में विभिन्न उत्सवों कौ धूम होगी।
विवाह का मुख्य पर्व छह दिसंबर को मनाया जाएगा। इस दिन रामनगरी के दर्जनों मंदिरों से भव्य राम बरात निकलेगी। राम मंदिर से सटे प्राचीन रंगमहल में विवाहोत्सव की विशिष्ट परंपरा है। यहां आज भी 250 वर्ष पुराने काष्ठ के मंडप में विवाह की रस्म निभाई जाती है। मंदिर के भव्य आंगन में मंडप को सजाने का काम शुरू कर दिया गया है। मान्यता है कि जब माता सीता विवाहोपरांत अयोध्या की धरती पर आईं, तब कौशल्या को सीता माता का स्वरूप इतना अच्छा लगा कि उन्होंने रंग महल सीता जी को मुंह दिखाई में दिया था। यहां मां सीता की उपासना होती है। मंदिर के महंत रामशरण दास ने बताया कि विवाह पंचमी का मुख्य पर्व छह दिसंबर को मनाया जाएगा।
पुजारी घूंघट में करते हैं आरतो
सखी परंपरा का मंदिर होने से इस स्थान का महत्व अत्यंत बृहद और दर्शनीय है। यहां नित्य भगवान राम को शयन कराते समय पुजारी सखी का रूप धारण करते हैं। भगवान को सुलाने के लिए ये सखियां लोग सुनाती हैं। यहां परंपरानुसार तिलक के बजाय बिंदी लगायी जाती है। पुजारी घूंघट डालकर भगवान की आरती करते हैं।