पंजाब: AAP विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा, बोले- ऐसा लगता है जैसे हम पाकिस्तान में रह रहे…

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) में चल रहे बजट सत्र (Budget session) के दौरान सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party.- AAP) के एक विधायक ने अपनी ही सरकार पर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर तीखा हमला बोला है। धारमकोट से AAP विधायक देविंदरजीत सिंह लड्डी धोसे (Devinderjit Singh Laddi Dhose) ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र और पूरे मोगा जिले के साथ “सौतेला व्यवहार” किया जा रहा है। उन्होंने गुस्से में कहा, “क्या मोगा पंजाब का हिस्सा नहीं है? मुझे लगता है कि हम शायद पाकिस्तान में रह रहे हैं।”
विधायक ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पिछले तीन सालों में उनके विधानसभा क्षेत्र को स्वास्थ्य से जुड़ा एक भी प्रोजेक्ट नहीं दिया गया। उन्होंने मोगा जिले के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और पूछा कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है। इससे पहले शुतराना से AAP विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर ने भी राज्य में चिकित्सा सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया था। बाजीगर ने कहा कि उनके क्षेत्र के तीन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है और स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में बार-बार शिकायत के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने जवाब दिया कि सरकार के पास धर्मकोट पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) को उपमंडलीय अस्पताल में अपग्रेड करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्री ने यह भी बताया कि धर्मकोट का पीएचसी, कोट ईसे खां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के अंतर्गत आता है, जो आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
“क्या मोगा पंजाब का हिस्सा नहीं है?”
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक लड्डी धोसे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम भी पंजाब के निवासी हैं, हमारा जिला मोगा है, लेकिन हमारी विधानसभा को एक भी स्वास्थ्य परियोजना नहीं दी गई। कोट ईसे खां सीएचसी में आठ में से केवल दो एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है। मोगा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “पहले 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती हुई थी, जिनमें से केवल चार डॉक्टर मोगा को मिले। अब 255 एमबीबीएस डॉक्टरों की नई भर्ती में भी सिर्फ चार डॉक्टर मोगा को दिए गए, जबकि मालेरकोटला को 28 डॉक्टर मिले हैं। आखिर मोगा के साथ ये भेदभाव क्यों? क्या मोगा पंजाब का हिस्सा नहीं है? ऐसा लगता है जैसे हम पाकिस्तान में रह रहे हैं।”
सरकार का बचाव
स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब में कहा कि धर्मकोट की जनसंख्या 24,000 है, जबकि उपमंडलीय अस्पताल उन्हीं क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जहां जनसंख्या 10 लाख से अधिक हो। उन्होंने बताया कि मोगा जिले की कुल जनसंख्या 10 लाख से कम है, इसलिए अस्पताल अपग्रेड करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्री ने यह भी कहा कि मोगा में पहले से ही एक जिला अस्पताल मौजूद है।
अन्य विधायकों ने भी उठाए स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
इससे पहले शुत्राणा से AAP विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर ने भी अपने क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “पिछले दो सत्रों से मैं अपने क्षेत्र में अस्पतालों की स्थिति पर सवाल पूछ रहा हूं, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। हमारे यहां तीन अस्पताल हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं हैं।”
इसी तरह, मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह ने सेक्टर 69 में बने नए डिस्पेंसरी में स्टाफ की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “डिस्पेंसरी में सुबह 9 बजे तक कोई स्टाफ नहीं आता। सरकार बताए कि ये कब पूरी तरह से चालू होगा?” स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर जवाब दिया कि स्टाफ अस्थायी रूप से तैनात किया गया है और कार्य जल्द शुरू होगा।
कांग्रेस विधायक ने भी साधा सरकार पर निशाना
जीरो आवर में कांग्रेस विधायक हरदेव सिंह लड्डी (शाहकोट) ने सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सरकार गवर्नर के अभिभाषण में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है। शाहकोट, महलां सिविल अस्पताल और महलां पीआईसी में आपातकालीन डॉक्टर तक नहीं हैं। दोपहर 2-3 बजे के बाद डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते। गरीब लोगों को इलाज तक नहीं मिल पा रहा।” विधानसभा में उठे इन सवालों ने पंजाब में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।