PF से फंड निकासी की प्रक्रिया होगी आसान, EPFO ने की आधार पर UAN जारी करने की तैयारी

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) (Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) अपने सदस्यों के लिए एक आधार पर एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (Universal Account Number based on Aadhaar) (UAN) जारी करने की प्रक्रिया पर काम कर रहा है। इसका मकसद पीएफ से फंड निकासी की प्रक्रिया आसान बनाना है। इससे किसी कर्मचारी के नौकरी छोड़ने या दूसरी नौकरी पाने पर दो यूएएन नंबर नहीं होंगे।
ईपीएफओ द्वारा यूएएन को बड़े महत्वाकांक्षी उद्देश्य से लागू किया गया था। इस व्यवस्था के तहत कर्मचारी को एक यूएएन जारी किया जाता है। अगर कोई सदस्य एक नौकरी छोड़कर दूसरी ज्वाइन करता है तो उसे नई जगह पर सिर्फ अपना यूएएन नंबर देना होता है। उसके बाद पुराने पीएफ खाते की धनराशि नए खाते में ट्रांसफर हो जाती है, लेकिन देखने में आया है कि एक सदस्य के नाम पर दो या उससे अधिक यूएएन नंबर जारी हैं। ऐसे में कर्मचारी जब पीएफ निकासी के लिए आवेदन करता है तो सिस्टम को यह पता नहीं होता है कि वह किस खाते से धनराशि निकासी के लिए दावा कर रहा है। ऐसे में कई बार दावा खारिज हो जाता है या निकासी में काफी समय लगता है।
अगर पहले से यूएएन है तो नया नंबर जारी नहीं होगा। इसी यूएएन पर पीएफ खाता भी सक्रिय होगा। अगर कर्मचारी के आधार पर कोई भी यूएएन जारी नहीं हुआ है तो फिर नया नंबर जारी किया जाएगा। ईपीएफओ 3.0 यानी नए सिस्टम में यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी। हालांकि, बीते वर्ष नंबर से आधार आधारित वन टाइम पासवर्ड की व्यवस्था को लागू किया था लेकिन अब उसे अधिक एडवांस बनाने पर काम चल रहा है, जिसमें एक आधार पर एक ही यूएएन खोला जा सकेगा। इसके बाद पीएफ खाते से धनराशि निकासी में लोगों को परेशानी नहीं होगी।
सही जानकारी न देने पर होती है गड़बड़ी
कई मामलों में देखा गया है कि कोई कर्मचारी पुरानी से नई कंपनी में जाता है तो पुराना यूएएन नंबर नहीं देता है या नई कंपनी नहीं मांगती है। ऐसे कर्मचारियों को ईपीएफओ पोर्टल पर नए सदस्य के तौर पर पंजीकृत कर दिया जाता है, जिससे ईपीएफओ का आईटी सिस्टम नया यूएएन जारी कर देता है। इससे कर्मचारी को दो या इससे अधिक यूएएन आवंटित हो जाते हैं। अधिकांश कर्मचारी इसे सामान्य प्रक्रिया मानते हैं। लेकिन समस्या तब खड़ी होती हैं, जब वे पीएफ खाते से निकासी करते हैं या खाते में जरूरी अपडे़ट करते हैं। उनके ये जरूरी काम अटक जाते हैं, क्योंकि दो यूएएन नंबर होने से विवरण का मिलान और सत्यापन नहीं हो पाता है।
दो या अधिक यूएएन को अब भी जोड़ने की विकल्प
यदि किसी कर्मचारी के पास पीएफ खाते से जुड़े दो या उससे अधिक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) हैं तो उसके पास दोनों को जोड़ने (मर्ज) करना का विकल्प भी मौजूद है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नियमों के मुताबिक, एक व्यक्ति के पास एक समय पर एक ही यूएएन होना चाहिए। दो नंबर होने पर ईपीएफओ की सुविधाओं को लाभ नहीं मिलता है। यदि कोई कर्मचारी इस स्थिति में है तो वह दोनों यूएएन को विलय कर कई परेशानियों से बच सकता है। इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
अगर आपके पास दो यूएएन हो…
1. जैसे ही आपको इसके बारे में पता चलता है, अपने नियोक्ता या ईपीएफओ को इसकी जानकारी दें।
2. अपने वर्तमान और पिछले यूएएन का उल्लेख करते हुए ईपीएफओ को ईमेल भेज सकते हैं।
3. ईपीएफओ इस मुद्दे का सत्यापन करेगा और पिछला यूएएन बंद कर दिया जाएगा। वर्तमान नंबर सक्रिय रखा जाएगा।
4. इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अपने पुराने ब्लॉक हुए ईपीएफ खाते को नए खाते में ट्रांसफर करने के लिए क्लेम करना ना भूलें।
मर्ज करने के तरीके
ऑनलाइन माध्यम से
– सबसे पहले https://www.epfindia.gov.in/ की वेबसाइट पर जाएं। मौजूदा नियोक्ता द्वारा आवंटित UAN और पासवर्ड से लॉगिन करें।
– अब सर्विसेज के सेक्शन पर जाएं और For Employees पर क्लिक करें। इसके बाद नया पेज खुलेगा। यहां ऑनलाइन सर्विसेज में One Member – One EPF Account (Transfer Request) पर क्लिक करें।
– मेंबर आईडी (जिसे आप विलय करना चाहते हैं) और UAN दर्ज करें। फिर Get OTP पर क्लिक करें और पंजीकृत मोबाइन नंबर पर OTP दर्ज को करें। इसे सत्यापित करें।
– डिक्लेरेशन को स्वीकार करने के बाद Submit बटन पर क्लिक करें। इसकी सूचना आपके वर्तमान नियोक्ता के पास जाएगी।
– उसे ऑनलाइन तरीके से Request Approved करानी होगी, जिसके बाद ईपीएफओ आपके पुराने यूएएन को नए खाते के साथ विलय कर देगा।
ऑफलाइन तरीके से
– ईपीएफओ की वेबसाइट से फॉर्म-13 डाउनलोड करके भरना होगा।
– इस फॉर्म में पहले पीएफ खाते का UAN, Member ID, बैंक खाता संख्या, IFSC Code और पता दर्ज करें। दूसरे पीएफ खाते का विवरण भी दर्ज करें।
– मौजूदा नियोक्ता से फॉर्म-13 पर हस्ताक्षर करवाए और मोहर लगवाएं। फिर इसे नजदीकी ईपीएफओ कार्यालय में जमा करें।
अगर यूएएन न हो तो..
अगर पुराने नियोक्ता ने कर्मचारी को यूएएन न बताया हो तो कर्मचारी को उससे संपर्क करना होगा। इसके साथ ही ईपीएफओ को भी इसकी सूचना देनी होगी। ईपीएफओ पुराने नियोक्ता से इस पर जवाब मांग सकता है।
अगर पुराना यूएएन भूल गए हैं तो क्या करें
– सबसे पहले ईपीएफओ की वेबसाइट https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाएं।
– दाहिनी ओर पर दिख रहे Important Links में जाकर Know your UAN पर क्लिक करें।
– अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालकर Request OTP पर क्लिक करें। अब आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी और कैप्चा कोड डालने के बाद Validate OTP पर क्लिक करें।
– अब पूरा नाम, जन्मतिथि, आधार या पैन संख्या और कैप्चा कोड डालकर Show My UAN पर क्लिक करना होगा। इससे स्क्रीन पर UAN संख्या दिख जाएगी।
ये होती हैं दिक्कतें
1. दो यूएएन नंबर होने पर सभी पीएफ खातों का बैलेंस एक जगह नहीं दिखता है। इसके अलावा पीएफ खाते से पैसा निकालने में भी दिक्कत हो सकती है।
2. पुराने खाते से नए खाते में राशि ट्रांसफर करना मुश्किल हो सकता है। यह प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है, जिससे आपका पैसा फंसा रह सकता है।
3. सेवा अवधि का सही रिकॉर्ड नहीं बन पाता, जिससे पेंशन लाभ प्रभावित हो सकता है। नियमों के अनुसार, सेवा अवधि का सही रिकॉर्ड पेंशन की गणना में महत्वपूर्ण होता है।
क्या है यूएएन
नई व्यवस्था में ईपीएफओ पैन नंबर की तर्ज पर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) जारी करता है। यह 12 अंकों की अनोखी स्थायी संख्या होती है, जो ईपीएफ सदस्य के लिए जीवनभर वैध रहती है। यह रोजगार बदलने के साथ नहीं बदलती है। नौकरी बदलने पर नए नियोक्ता के पास केवल यूएएन विवरण देना होता है, जिससे नया पीएफ खाता नहीं खुलता। पुराने खाते को ही नए नियोक्ता के पास हस्तातंरित कर दिया जाता है। यूएएन नंबर के जरिए पीएफ फंड के स्वचालित हस्तांतरण और रकम निकासी में मदद मिलती है। इसके अलावा सक्रिय वैध यूएएन होने से कर्मचारी रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना का लाभ भी उठा सकते हैं।