पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने रची थी राम मंदिर पर ग्रेनेड हमले की साजिश, STF ने किया खुलासा

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फरीदाबाद/अयोध्या। गुजरात और हरियाणा एसटीएफ (Gujarat and Haryana STF) की संयुक्त टीम ने सोमवार को खुलासा किया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (Pakistani intelligence agency ISI) अयोध्या ( Ayodhya) में राम मंदिर (Ram temple) पर ग्रेनेड हमले की साजिश रच रही थी। एसटीएफ की टीम ने रविवार शाम फरीदाबाद के पाली से 19 वर्षीय एक संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था। अयोध्या के मिल्कीपुर निवासी रहमान के पास से दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए।

एटीएस सूत्रों के अनुसार, आरोपी अब्दुल रहमान आतंकी संगठन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। पूछताछ में उसके द्वारा राम मंदिर पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने की बात सामने आई है। रहमान के खिलाफ डबुआ थाने में केस दर्ज किया गया है। एटीएस ने सोमवार सुबह उसे कोर्ट में पेशकर पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड पर लिया है।

आईएसकेपी मॉड्यूल से जुड़ा है अब्दुल रहमान :
आरोपी से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी भी पूछताछ कर रहे हैं। इसमें पता चला है कि 10वीं तक पढ़ा अब्दुल रहमान मिल्कीपुर में दुकान और ई-रिक्शा चलाता था। वह करीब दस महीने पहले आईएसआई के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) मॉड्यूल से जुड़ा था। वहां से उसे ऑनलाइन वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग दी गई। इसी दौरान उसे आंतकी गतिविधि के लिए उकसाया गया और कई टास्क दिए गए, जिसमें राम मंदिर में धमाका करना भी शामिल था।

मरकज जाने के लिए घर से निकला था :
आरोपी के मोबाइल फोन में कई धार्मिक स्थलों की तस्वीर और वीडियो आदि मिले हैं। वह चार-पांच दिन पहले घर से यह कहकर निकला था कि दिल्ली के मरकज में जा रहा है। वह ट्रेन से दिल्ली होते हुए फरीदाबाद पहुंचा। यहां पाली स्थित बांस रोड किनारे फार्म हाउस के एक कमरे में शंकर नाम से ठहरा था। यहीं उसे किसी ने ग्रेनेड मुहैया कराए थे।

एसटीएफ अयोध्या पहुंची :
अधिकारियों के अनुसार, एसटीएफ पलवल की टीम आरोपी के घर अयोध्या पहुंची है। टीम को उसके घर की तलाशी लेने और जांच-पड़ताल के लिए भेजा गया है। वहां से संदिग्ध बरामदगी की बात भी पता चली है।

पीके के संपर्क में आया, पूछताछ के बाद पकड़ा
एजेंसियों को आशंका है कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में रहने के दौरान अब्दुल रहमान जम्मू में लश्कर, हिजबुल मुजाहिदीन समेत अन्य संगठनों का वित्तीय नेटवर्क संभालने वाले परवेज अहमद उर्फ पीके से मिला था। एटीएस ने पीके को 27 फरवरी को निजामुद्दीन स्थित एक गेस्ट हाउस से पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद रहमान को पकड़ लिया गया।

फरीदाबाद में भी आतंकी वारदात करने की फिराक में था रहमान
फरीदाबाद के पाली में संदिग्ध आतंकी के गिरफ्तार होने से स्थानीय पुलिस की सतर्कता पर सवाल उठने लगे हैं। आशंका है कि फरीदाबाद में भी आतंकी संगठन के स्लीपर सेल सक्रिय हैं। सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार अब्दुल रहमान फरीदाबाद में भी आतंकी वारदात करने की फिराक में था। पूर्व में पकड़े गए कुछ संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के मामले भी इस ओर इशारा करते हैं। आरोपी अब्दुल रहमान को पाली में ही हैंड ग्रेनेड मुहैया कराए जाने से भी एक बार फिर इस बात को बल मिला है। आरोपी यूपी के अयोध्या से फरीदाबाद पहुंचा था। एसटीएफ पलवल की टीम अब यह जानकारी जुटाने में लगी है कि फरीदाबाद में उसे आने के लिए किसने कहा था और वह कहां-कहां होते हुए फरीदाबाद पहुंचा। साथ ही फरीदाबाद में उसे किसने हैंड ग्रेनेड मुहैया कराए थे। एसटीएफ पलवल से मिली जानकारी के अनुसार, टीम को 28 फरवरी को गुजरात एटीएस की ओर से एक सूचना दी गई थी।

अयोध्या में खुफिया एजेंसियां सक्रिय
अयोध्या के इनायतनगर थाने के मजनाई बाजार निवासी 19 वर्षीय युवक अब्दुल रहमान की हरियाणा में गिरफ्तारी की खबर के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। एजेंसियां उसका इतिहास और वर्तमान खंगालने में जुटी है। अब्दुल रहमान को केंद्रीय खुफिया एजेंसी की सूचना पर आतंकी गतिविधि में लिप्त होने के आरोप में फरीदाबाद से दो जिंदा हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया है। युवक दसवीं तक पढ़ा है और पढ़ाई खत्म होने के बाद जमात के संपर्क में आया तथा दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में रह चुका है। 1 मार्च को दोस्त से मिलने के लिए दिल्ली जाने की बात कहकर घर से निकला था और उसको मंगलवार को वापस आना था, लेकिन उसके गिरफ्तारी की खबर आ गई। अब्दुल रहमान के पिता अबू बकर अपने घर पर ही बेटे के नाम से चिकन की दुकान चलाते हैं। परिवार में मां के अलावा तीन छोटी बहनें हैं।

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