6 दशक पुराने IT अधिनियम की जगह लेगा नया इनकम टैक्स बिल, मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने शुक्रवार (7 फरवरी, 2025) को नए इनकम टैक्स बिल (New income tax bill) को मंजूरी दे दी। यह बिल छह दशक पुराने आईटी अधिनियम (Six decade old IT Act) की जगह लेगा। नया बिल इनकम टैक्स (New income tax bill) से जुड़े उन सभी संशोधनों और धाराओं से मुक्त होगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे टैक्स एक्सपर्ट (Tax expert) की सहायता के बिना समझ सकें। इस बिल में प्रावधान और स्पष्टीकरण या कठिन वाक्य नहीं होंगे। इससे मुकदमेबाजी कम करने में भी मदद मिलेगी और इस तरह विवादित टैक्स डिमांड में कमी आएगी।

अब संसद में होगा पेश
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने नये बिल को मंजूरी दे दी है। अब नया बिल अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा और इसे संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। बता दें कि संसद के मौजूदा बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को खत्म हो रहा है। सत्र 10 मार्च को फिर शुरू होगा और चार अप्रैल तक चलेगा।

क्यों नए बिल की पड़ी जरूरत?
दरअसल, इनकम टैक्स लॉ लगभग 60 साल पहले 1961 में बनाया गया था और तब से समाज में, लोगों के पैसे कमाने के तरीके और कंपनियों के कारोबार करने के तरीके में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। समय के साथ आयकर अधिनियम में संशोधन किए गए। देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में तकनीकी प्रगति और बदलावों को देखते हुए, पुराने आयकर अधिनियम को पूरी तरह से बदलने की सख्त जरूरत है।

टैक्स स्लैब में भी बदलाव होगा?
नए बिल के लागू करने का मकसद भाषा और अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। कहने का मतलब है कि नए कानून में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की संभावना नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर वित्त अधिनियम के माध्यम से किया जाता है। बता दें कि साल 2010 में ‘प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक, 2010’ संसद में पेश किया गया था। इसे जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजा गया था। हालांकि, 2014 में सरकार बदलने के कारण विधेयक निरस्त हो गया।

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