मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- कब्रिस्तानों-दरगाहों से कोई आय नहीं, फिर इनको लेकर विवाद क्यों?

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लखनऊ। वक्फ संशोधन बिल (Wakf Amendment Bill) को लेकर एक बार फिर से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने सवाल उठाया है। बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली (Maulana Khalid Rasheed Firangi Mahali) का कहना है कि 90% से ज्यादा वक्फ संपत्तियां मस्जिदों, कब्रिस्तानों, दरगाहों और इमामबारों की शक्ल में हैं, जिनसे कोई आमदनी नहीं होती, फिर भी इन्हें लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है।

मौलाना खालिद रशीद ने कहा, “यह संपत्तियां मुस्लिम समुदाय के जरिए सदियों से संभाली जा रही हैं। जब इनसे कोई कमाई नहीं होती, तो इनके खिलाफ आपत्तियां क्यों उठ रही हैं?”

पटना में भी किया विरोध
इससे पहले बुधवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पटना में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरू किया था। इस पर बीजेपी सांसद और वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बोर्ड पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

पाल ने कहा, “ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड वक्फ के नाम पर राजनीति कर रहा है और देश के अल्पसंख्यकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कानून पास नहीं हुआ है, तब तक विरोध का कोई मतलब नहीं है।

सरकार का क्या कहना
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) बिल 2024 का मकसद वक्फ संपत्तियों को डिजिटलाइज करना, बेहतर ऑडिट व्यवस्था लागू करना और गैरकानूनी कब्जों को हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया को मजबूत करना है। सरकार का कहना है कि संशोधन के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल हो और यह न सिर्फ मुस्लिम समुदाय बल्कि पूरे देश के हित में साबित हो।

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