शहीद कुलभूषण मांटा को शौर्य चक्र, गोली लगने के बाद पकड़ा था जिंदा आतंकी

0

शिमला। बेटे का नाम लेते ही मां की आंखों से आंसू बहने लगते हैं और साथ में खड़ी शहीद की पत्नी निशब्द हैं. वह बस बीच बीच में पलके झपकाते हुए एक नजर से सामने टकटकी लगाए खड़ी हैं. चेहरे पर कोई भाव नहीं है. मानों शून्य हो चुकी हों. नीतू की के चेहरे को देखकर लगता है कि वह अपनी भावनाओं को पूरी तरह से काबू करने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन पति की शहादत के बाद अंदर से टूट चुकी हैं. हालांकि, इस बहादुर बेटी के मन के अंदर क्या चल रहा था, यह वह खुद ही बता सकती हैं.

दरअसल, ये तस्वीरें नई दिल्ली से आई हैं. यहां पर हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के चौपाल के कुपवी के शहीद कुलभूषण मांटा को मरणोंपरांत शौर्य चक्र से नवाजा गया. इस दौरान शहीद की मां और पत्नी को राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू ने शुक्रवार शाम को शौर्य चक्र देकर सम्मानित किया.

सम्मान समारोह में जब शहीद कुलभूषण का नाम लिया गया तो मां की आंखों से आंसू बरस पड़े. वहीं, पत्नी नीतू भी इस दौरान साथ में मौजूद रहीं. हालांकि, उनके चेहरे पर कोई भाव नजर नहीं आए. उनकी तस्वीर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पति की शहादत के बाद वह कितनी टूट चुकी हैं.
अक्तूबर 2022 में जम्मू एवं कश्मीर के बारामुला में एनकाउंटर हुआ. इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के शिमला के कुपवी के गांव गौंठ के कुलभूषण मांटा घायल हो गए. उनकी गोली लगी, लेकिन वह घायल अवस्था में भी आतंकियों से लड़ते रहे और एक आतंकी को उन्होंने जिंदा पकड़ा. हालांकि, बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. कुलभूषण महज 25 साल थे और वह अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे. वह अपने पीछे मां, बहन, पत्नी और बच्चा छोड़ गए हैं.
पिता प्रताप सिंह और माता दूरमा देवी के बेटे कुलभूषण मांटा साल 2014 में जब 18 साल के थे तो भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. उनके अलावा, परिवार में दो बहनें हैं और एक बहन की शादी हो चुकी है. जब वह शहीद हुए थे तो उनका महज ढाई माह का बेटा था.

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *