मार्च में पड़ेगी रिकॉर्डतोड़ गर्मी! देश के कई हिस्सों में 40 डिग्री के पार जा सकता है पारा

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नई दिल्ली। अधिकारियों ने अगले महीने यानी मार्च (March) में असामान्य और रिकॉर्डतोड़ गर्मी (Unusual and record-breaking heat) होने की चेतावनी दी है। एजेंसी से बातचीत में अधिकारियों ने कहा कि अगले महीने देश के कई हिस्सों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार (mercury crossed 40 degrees Celsius) कर सकता है, जो इस महीने के लिए असामान्य बात है। यानी अगला महीना इस साल असामान्य रूप से गर्म होने वाला है। नाम न छापने की शर्त पर उन अधिकारियों ने कहा कि मार्च महीना रिकॉर्ड गर्मी के मौसम में प्रवेश करने के लिए तैयार है।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि मार्च में अत्यधिक तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। मार्च महीने में लंबे समय तक औसत से अधिक तापमान रहने पर गेहूं की फसल की पैदावार में कमी आने की आशंका है। भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है लेकिन पिछले तीन साल से यानी 2022 से लगातार गेहूं की पैदावार कम हो रही है। लिहाजा, भारत महंगे गेहूं के आयात से बचने के लिए 2025 में बंपर फसल की उम्मीद कर रहा है।

40 डिग्री सेल्सियस पार कर सकता है तापमान
IMD के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को जारी होने वाले विभाग के आधिकारिक पूर्वानुमान से पहले नाम न बताने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया, “इस साल मार्च असामान्य रूप से गर्म रहने की संभावना है,और दिन एवं रात दोनों का तापमान महीने के अधिकांश समय सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है।” अधिकारी ने बताया कि मार्च के दूसरे सप्ताह से दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मार्च के आखिरी हफ्ते तक देश के कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर जा सकता है। बकौल अधिकारी इस दौरान न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान दोनों औसत से ज्यादा रह सकता है।

गेहूं की पैदावार को भारी नुकसान
अधिकारी ने बताया कि तापमान में होने वाली बढ़ोत्तरी साल 2022 के पैटर्न की याद दिला रहा है, जब फरवरी और मार्च में अचानक आई भीषण गर्मी की वजह से गेहूं की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था, जिसके कारण गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था ताकि देश में गेहूं की कीमतें न बढ़ सके और लोगों को रोटी के लिए न तरसना पड़े। एक एन्य मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि उत्तर और मध्य भारत के राज्यों जो गेहूं उत्पादन के लिए जाने जाते हैं, वहां मार्च के मध्य तक तापमान में सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। मार्च का महीना गेहूं, चना, दलहन और तेलहन के लिए जाना जाता है, जो अक्टूबर वनंबर में बोया जाता है और मार्च में काटा जाता है।

दिल्ली में पिछले 74 साल की सबसे गर्म रात
इस बीच, मौसम विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज (गुरुवार, 27 फरवरी) के तापमान ने 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और फरवरी में अब तक की सबसे गर्म रात दर्ज की गई है। IMD के मुताबिक, सफदरजंग में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो 1951 से 2025 के बीच की अवधि में इस महीने का सबसे अधिक तापमान है। आईएमडी ने कहा, “आज 27 फरवरी, 2025 को सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह 1951 और 2025 के बीच सफदरजंग में फरवरी में दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक न्यूनतम तापमान है।” मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 1951 से पहले का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।

इस बीच, पिछले रिकॉर्ड के अनुसार, फरवरी का पिछला उच्चतम न्यूनतम तापमान 25 फरवरी, 2015 को 19 डिग्री सेल्सियस था, जो रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे अधिक तापमान था। इसके बाद 1973 में 18.6 डिग्री सेल्सियस, 20 फरवरी, 2015 को 18.5 डिग्री सेल्सियस, 1992 में 18.2 डिग्री सेल्सियस और 1988 में 18.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पांचवां सबसे अधिक तापमान था। बादल छाए रहने के कारण, गुरुवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी ने बताया कि यह सामान्य औसत से 1.1 डिग्री कम है।

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