Maharashtra: भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में RSS सक्रिय, ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के साथ संभाली कमान

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मुंबई । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जारी है। इस चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भाजपा के लिए माहौल बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काफी काम कर रहा है। संघ के कार्यकर्ता भाजपा के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे को जन-जन तक पहुंचाने में काफी मेहनत कर रहे हैं। संघ के लोक जागरण मंच के द्वारा लोगों के बीच पंफलेट बांटे जा रहे हैं, जिसमें उनसे अपील की जा रही है कि वे बीते लोकसभा चुनावों के परिणामों से सीख लें और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन को वोट दें।

फर्जी तरीके से फैलाई गए अफवाहों पर सचेत रहने की सलाह

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पंफलेट में लोगों को संविधान, आरक्षण और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों से सावधान रहने की सलाह दी जा रही है। साथ ही आरएसएस के द्वारा लोगों को यह भी कहा जा है कि ऐसी सरकार को चुनें जो भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, पत्थरबाजी और दंगे को रोकने के लिए काम करे। लोगों को यह भी समझाने की कोशिश की जा रहा है कि कैसे पीएम मोदी ने भारत की छवि को वैश्विक मंच पर सुधारने का काम किया है। वहीं, राहुल गांधी पर भारत को विदेशों में बदनाम करने के आरोप लगाए जा रहा हैं। हालांकि, इस दौरान संघ के स्वयंसेवक मोदी और राहुल में से किसी का नाम नहीं लेते हैं।

RSS का प्रचार अभियान तेज, बीजेपी को मिली मदद

लोकसभा चुनावों के बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि उनकी पार् अबटी आत्मनिर्भर है और संघ पर पहले जैसी निर्भरता नहीं है। उनके इस बयान के बाद आरएसएस ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसका खामियाजा भगवा पार्टी को महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में भुगता पड़ा है। हालांकि दोनों ही संगठनों के बीच संबंध सुधरे हैं। अब RSS फिर से महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सक्रिय रूप से शामिल हो गया है।

संघ के कार्यकर्ता राज्यभर में लगभग 50,000 से 70,000 छोटे-छोटे बैठकें आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। हरियाणा में भी संघ ने 16,000 से अधिक ऐसी बैठकें आयोजित की थीं, जिनके अच्छे परिणाम मिले थे और बीजेपी ने वहां चुनाव में जीत हासिल की थी।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां आरएसएस की जड़ें गहरी हैं। संघ का मुख्यालय भी यहीं नागपुर में स्थित है। RSS का राज्य में बीजेपी नेताओं देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी के साथ भी गहरा संबंध है। हाल ही में फडणवीस ने लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद संघ से मदद मांगी थी।

कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से यह कहा था कि अगर बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो वह संविधान को बदल देगी और आरक्षण समाप्त कर देगी। न्यूज-18 से बात करते हुए आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने कहा, “हम चाहते हैं कि लोग ऐसी अफवाहों और गलत धारणाओं को न मानें। गलतफहमी में मत रहिए। अब लोग ज्यादा समझदार हो गए हैं और नागपुर के विधानसभा क्षेत्रों में वे कम से कम 80 प्रतिशत वोटिंग हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं।”

बीजेपी कार्यकर्ताओं को दलितों से दोस्ती करने का आह्वान

अपने दशहरा संबोधन में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को दलितों से दोस्ती करने का आह्वान किया था। मथुरा में एक RSS बैठक के बाद संगठन ने हिंदू एकता के कारण को समर्थन दिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गढ़े गए नारे “बटेंगे तो कटेंगे” को भी स्वीकृति दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों के दौरान इस नारे को दोहराया और एक और नारा जोड़ा – “एक हैं तो सेफ हैं”।

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