सांसद पर भड़के जगदीप धनखड़, चिल्लाने की हिम्मत कैसे की, अगली बार दरवाजा दिखा दूंगा

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नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराये जाने का मुद्दा गरमा रहा है। इस मुद्दा चर्चा कराए जाने की मांग को राज्यसभा में आसन की ओर से खारिज किए जाने के बाद विपक्ष ने गुरुवार को उच्च सदन से बहिर्गमन किया। इस दौरान विपक्ष के कुछ सदस्यों के अमर्यादित आचरण से दुखी होकर सभापति जगदीप धनखड़ यह कहते हुए आसन छोड़कर चले गए कि वह कुछ समय के लिए आसन पर बैठने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं।

सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और उसके बाद शून्यकाल आरंभ करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अजीत गोपचड़े को अपना मुद्दा उठाने को कहा। इसके तुरंत बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। हंगामे के बीच ही गोपचड़े अपना मुद्दा उठा रहे थे।

इसी दौरान तृणमूल के डेरेक ओब्रायन कुछ कहते हुए सुने गए। सभापति ने जब हंगामा कर रहे सदस्यों की बात को अनसुनी कर दिया तो सदन में शोरगुल और तेज हो गया। विपक्षी सदस्यों की ओर से फोगाट के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी गई। सभापति ने इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को मौका दिया। उन्होंने कहा कि कल ही हमने यह मुद्दा उठाया था और यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है।
उन्होंने कहा, यह मुद्दा व्यक्तिगत तौर पर किसी के लिए चिंता में डालने वाला नहीं है।’ खरगे अभी बोल ही रहे थे कि सभापति ने उनसे पूछा कि वह कौन सा मुद्दा उठाना चाहते हैं। खरगे ने कहा कि फोगाट का मुद्दा। इस पर सभापति ने खरगे से पूछा कि क्या वह इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं? नेता प्रतिपक्ष ने कहा, चर्चा कीजिए, इसके पीछे कौन है? और कैसे केवल 100 ग्राम।

सभापति ने खरगे को मुद्दा उठाने देने से रोकते हुए कहा कि वह इस सदन को ऐसे मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं करने देंगे। उन्होंने खरगे से कहा कि वह नियमों का उपयोग करें। इसी दौरान विपक्ष के सदस्यों का हंगामा शुरू हो गया। हंगामा देख सभापति ने डेरेक का नाम लेकर कहा कि वह आसन पर चिल्ला रहे हैं। उन्होंने डेरेक से कहा, ‘सदन में आपका आचरण सबसे खराब है। आप आसन पर चिल्ला रहे हैं। मैं इसकी निंदा करता हूं। अगली बार मैं आपको दरवाजा दिखा दूंगा। आपने आसन पर चिल्लाने की हिम्मत कैसे की?’ विपक्ष के नेता की ओर हाथ करते हुए सभापति ने कहा कि और वरिष्ठ नेता इस पर (डेरेक के आचरण पर) कोई ध्यान नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण आचरण है।’
इसी दौरान नारेबाजी करता हुआ समूचा विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया। सभापति ने इस पर कहा, ‘हमने सबसे बदसूरत दृश्य देखा है। हमने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र का काला दौर देखा है। हम जानते हैं कि यह कैसे शुरू होता है। इसकी शुरुआत सबसे पहले संसदीय संस्थाओं को चुनौती देने से होती है। और यह चुनौती जून 1975 में दी गई थी। यहां एक गंभीर चुनौती थी। क्या कोई इस तरह का आचरण कर सकता है।’ सभापति की इस टिप्पणी के बाद सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि विपक्ष ने आसन को तकलीफ पहुंचाई और यह संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा, ‘यह सच में निंदनीय है।

उन्होंने विशेषतौर पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के आचरण की निंदा करते हुए कहा कि यह उनके लिए चिंतन करने वाला प्रश्न है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक विनेश फोगाट का सवाल है। यह पक्ष और विपक्ष का सवाल नहीं है। यह देश का सवाल है। सारा देश उनके साथ खड़ा है। यह भारतीय खेल को आगे बढ़ाने का विषय है, जिसमें सब लोग भावनात्मक तरीके से जुड़े हुए हैं और विनेश के साथ खड़े हैं।

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