होली पर आज चंद्रग्रहण का साया, भारत में कहां – कब मनाया जाएगा त्यौहार…

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  • होली अलग-अलग दिन मनाए जानें का कारण चंद्रग्रहण नहीं बल्कि पूर्णमासी

आज फाल्गुन पूर्णिमा (Phalgun Purnima) है और देश में कई स्थानों पर आज होली का त्योहार (Festival of Holi) भी मनाया जा रहा है। तो वहीं कुछ स्थानों पर कल यानि 15 मार्च को होली खेली जाएगी। खास बात ये है कि होली को 14 की जगह 15 मार्च को मनाने का कारण चंद्रग्रहण न होकर पूर्णमासी है। 14  मार्च को आत्मा के कारक सूर्य देव (Sun) राशि परिवर्तन (Zodiac change) करेंगे। वहीं, इस दिन पर साल के पहले चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) का साया भी पड़ने वाला है। आज चंद्र ग्रहण सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा और यह ग्रहण दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। क्योंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में सुबह के वक्त लग रहा है तो इससे साफ हो जाता है कि भारत में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा। ऐसे में जहां कुछ जानकारों का मानना है कि इस चंद्र ग्रहण सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा और सूतक न लगने से सभी लोग होली का पर्व आराम से मना सकेंगे।

जबकि वहीं अनेक धर्म व ज्योतिष के जानकारों का यह भी कहना है कि पूर्णिमा के दिन होली नहीं खेली जाती। ऐसे में उनका कहना है कि चूंकि 14 मार्च को पूर्णमासी है और यह दोपहर 12:25 बजे तक विद्यमान है। ऐसे में दोपहर 12:25 के बाद होली खेली जा सकती है। ऐसे में पर्व को लेकर दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है। खास बात ये है कि यह स्थिति चंद्रग्रहण को लेकर न होकर पूर्णिमा / पूर्णमासी के कारण है।

ऐसे में देवभूमि उत्तराखंड की पर्व निर्णय सभा ने कुमाऊं मंडल में 15 मार्च को रंग का त्यौहार मनाने का फैसला लिया है। पर्व निर्णय सभा की ओर से तर्क दिया गया है कि पूर्णिमा के दिन होली नहीं खेली जाती। इसलिए यहां पर होली चैत्र के पहले दिन मनाने के लिए कहा जा रहा है। वहीं पर्व निर्णय सभा के अध्यक्ष डॉ. जगदीश भट्ट ने कहा है कि 14 मार्च को पूर्णमासी दोपहर 12:25 बजे तक ही है, ऐसे में दोपहर 12:25 बजे के बाद होली मनाई जा सकती है।

कुमाऊं मंडल में होली 15 मार्च को

कई तरह की स्थितियों के बीच उत्तराखंड पर्व निर्णय सभा ने कुमाऊं मंडल में 15 मार्च को रंग का त्यौहार मनाने का फैसला किया गया। पर्व निर्णय सभा की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि पूर्णिमा के दिन होली नहीं खेली जाती। इसलिए यहां पर होली चैत्र के पहले दिन मनाने के लिए कहा जा रहा है। यूं तो उत्तराखंड सरकार ने छलड़ी का अवकाश 14 फरवरी को स्वीकृत किया है। कुमाऊं में आचार्य और विद्वानों के अपने मत हैं जो कि पूरे देश के आचार्य और विद्यानों से एकदम अलग हैं। उन्होंने 15 मार्च को छलड़ी मनाने का फैसला लिया है।

साल का पहला चंद्र ग्रहण

साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025, शुक्रवार को सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण बहुत ही खास माना जा रहा है क्योंकि चंद्र ग्रहण एक ब्लड मून (लाल चांद) के रूप में दिखाई देगा. इस चंद्र ग्रहण में चंद्रमा, शनि और सूर्य से दृष्ट होगा. इस ग्रहण में अग्नि तत्व की प्रधानता होगी. तो आइए जानते हैं कि क्या साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा.

चंद्र ग्रहण की अवधि (Chandra Grahan 2025 Timings)
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन 14 मार्च 2025 यानी आज लगेगा जो कि प्रतिपदा तिथि तक चलेगा. भारतीय समयानुसार, यह चंद्र ग्रहण आज सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर आरंभ होगा और इसका समापन दोपहर 3 बजकर 29 मिनट पर होगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि 6 बजकर 02 मिनट की रहेगी. हालांकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा।

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025 where to watch)
साल का पहला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है. बल्कि, यह चंद्रग्रहण उत्तरी दक्षिणी अमेरिका, नॉर्थ साउथ अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में ये ग्रहण दिखाई देगा.

क्यों खास है ये चंद्र ग्रहण
इस बार चंद्र ग्रहण बिल्कुल भी साधारण नहीं माना जा रहा है क्योंकि इस दिन होली का संयोग भी बन रहा है. और आज सूर्य भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं और चंद्रमा भी आज दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर राशि परिवर्तन कर रहे हैं.

होली पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव (Chandra Grahan effect on Holi 2025)
ये चंद्रग्रहण सामान्य रूप से नहीं देखा जा सकेगा. ये चंद्रमा का उपच्छाया ग्रहण होगा और ये किसी धार्मिक कर्मकांड के लिए भी महत्वपूर्ण नहीं होगा. किसी परहेज या सूतक का पालन नहीं होगा. इस चंद्र ग्रहण का होली या इसकी शुभता पर असर नहीं पड़ेगा.

चंद्र ग्रहण के नियम (Chandra Grahan Niyam)
ये सामान्य चंद्रग्रहण नहीं है बल्कि ये उपछाया ग्रहण हैं, जिसमें ग्रहण जैसा आभास होता है. ऐसी स्थिति में किसी तरह के नियम लागू नहीं होते. कोई सूतक का नियम भी लागू नहीं होता है. आप सामान्य जीवन जी सकते हैं. साथ ही, गर्भवती महिलाओं को चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है.

चंद्र ग्रहण के दौरान करें ये काम
1. इस दिन स्नान जरूर करें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
2. साथ ही, ग्रहण के दौरान ध्यान लगाना चाहिए और आध्यात्मिक मंत्रों का जाप करना चाहिए.

चंद्र ग्रहण का देश दुनिया पर प्रभाव (Chandra Grahan Effect on country world)
यह चंद्र ग्रहण फाल्गुन महीने में लगने जा रहा है इसलिए इस दौरान संसार में प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल सकती हैं. साथ ही, ग्रहों की स्थिति के कारण विश्व में सीमाओं पर तनाव में वृद्धि हो सकती है. पश्चिमी देशों के साथ भारत का ट्रेड व्यापार नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है और इसका असर संबंधों पर भी पड़ सकता है. ग्रहण के खत्म होने के बाद कुछ समय तक इसका नकारात्मक असर बना रह सकता है.

चंद्र ग्रहण का महत्व (Significance of Chandra Grahan)
नवग्रहों में सूर्य के बाद ज्योतिष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं चंद्रमा. ज्योतिष में चंद्रमा के बिना कोई गणना नहीं की जा सकती है. इसलिए चंद्रमा का ज्योतिष में एक प्रमुख स्थान है. वैज्ञानिक स्थिति में चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण शक्ति और सारी पृथ्वी के जल तत्व को नियंत्रित करता है. पृथ्वी के सर्वाधिक निकट है इसलिए सीधे तौर से प्रभावित करता है. चंद्रमा पर घटने वाली हर छोटी बड़ी घटना का पृथ्वी पर प्रभाव जरूर पड़ता है. ग्रहण जैसी बड़ी घटना का प्रभाव तो जरूर ही पड़ता है. मानव का मन और भावनाएं भी चंद्रमा का ही क्षेत्र हैं

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