सरकार ने माना बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट, हमारी नकल की… बजट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश

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Union Budget 2024 | Speech more focused on posturing than action, says  Congress

नई दिल्‍ली । नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट को कांग्रेस ने दिखावे वाला करार दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस बजट में सरकार ने मान लिया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है। केंद्र सरकार ने 10 साल के इनकार के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि सरकार ने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है। वह इस लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है।

इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया

इसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान देकर प्रोत्साहन देगी।

वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली : रमेश

उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना’ के तहत 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है, जिसमें इसका ‘इंटर्नशिप’ कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे ‘पहली नौकरी पक्की’ कहा गया था। हालाकि, अपनी चिरपरिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिज़ाइन किया गया है।’

जयराम रमेश बोले- अब देर हो चुकी है, ऐक्शन कुछ नहीं हुआ

उन्होंने दावा किया, ‘10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।’ रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है

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