हर नागरिक को वृद्धावस्था में मिलेगी आर्थिक सुरक्षा! मोदी सरकार ला रही नई पेंशन योजना

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central government) सभी नागरिकों के लिए एक नई पेंशन योजना (New pension scheme) लाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक इसका नाम ‘यूनिवर्सल पेंशन स्कीम’ (‘Universal Pension Scheme’) हो सकता है। इसका मकसद देश के हर नागरिक को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। जानकारों के अनुसार श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। उनके मुताबिक यह अम्ब्रेला पेंशन योजना यानी सार्वजनिक पेंशन योजना स्वैच्छिक और अंशदायी होगी। इससे जुड़ना या न जुड़ना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर होगा और कोई भी नागरिक इस योजना में तय राशि का योगदान देकर पेंशन हासिल कर सकेगा। इसके अलावा यह किसी नौकरी या रोजगार से जुड़ी नहीं होगी।

बताया जा रहा है कि सरकार इस योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत लाने की योजना बना रही है। अभी इस योजना की रूपरेखा तय करने का काम हो रहा है। इसके बाद, मंत्रालय सभी संबंधित हितधारकों से चर्चा कर योजना को और बेहतर बनाने के सुझाव आमंत्रित करेगा।

भारत में सामाजिक सुरक्षा ज्यादातर निधि और वृद्धावस्था पेंशन पर निर्भर है। केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को स्वास्थ्य बीमा भी प्रदान करती है। यह नई पेंशन योजना सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

मौजूदा योजनाएं समायोजित की जाएंगी
प्रधानमंत्री-श्रम योगी मानधन योजना और व्यापारियों और स्वरोजगार के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना को इस नई योजना में मिलाया जा सकता है। ये दोनों योजनाएं स्वैच्छिक हैं। इनमें 60 साल के बाद हर महीने ₹3,000 की पेंशन मिलती है। इसके लिए अंशधारक को हर महीने ₹55 से ₹200 तक जमा करने होते हैं। यह रकम अंशधारक की उम्र पर निर्भर करती है।

अंशधारक के योगदान के बराबर सरकार भी उसके पेंशन खाते में उतनी ही राशि का योगदान करती है। जानकारों के मुताबिक, अटल पेंशन योजना को भी इस योजना में शामिल किया जा सकता है। अभी यह योजना पीएफआरडीए के अंतर्गत आती है। भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम के तहत इकट्ठा किया गया सेस भी इस पेंशन योजना में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को पेंशन दी जा सकेगी।

राज्यों को भी शामिल करने की योजना
केंद्र सरकार राज्य सरकारों को भी अपनी पेंशन योजनाओं को इस नई योजना में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। इससे सरकारी योगदान सभी राज्यों में समान रूप से बंट जाएगा। पेंशन की राशि भी बढ़ेगी और लाभार्थियों की दोहरी गिनती नहीं होगी।

देश में बढ़ने वाली सीनियर सिटिजन्स की संख्या
भारत में सीनियर सिटिजन (60 वर्ष और उससे अधिक आयु ) की संख्या 2036 तक 227 मिलियन या देश की आबादी का 15 फीसदी और 2050 तक 347 मिलियन या कुल आबादी का 20 फीसदी होने की उम्मीद है. जो केंद्र सरकार द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को प्रदान की जाती है. इनमें से ज्यादातर गरीबी रेखा से नीचे हैं।

बुजुर्गों की बढ़ती संख्या चिंताजनक
एक अनुमान के मुताबिक, 2036 तक भारत में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 22.7 करोड़ हो जाएगी। यह देश की कुल आबादी का 15% हिस्सा होगा। 2050 तक यह संख्या 34.7 करोड़ यानी कुल आबादी का 20% हिस्सा होने का अनुमान है। अमेरिका, यूरोप, कनाडा, रूस, चीन और अन्य देशों में सामाजिक बीमा प्रणाली कार्य करती है, जिसमें स्वास्थ्य और बेरोजगारी सुरक्षा के साथ सामाजिक सुरक्षा यानी पेंशन शामिल हैं। वहीं, भारत में सामाजिक सुरक्षा मुख्य रूप से भविष्य निधि प्रणाली के साथ-साथ वृद्धावस्था पेंशन और स्वास्थ्य बीमा पर निर्भर है।

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