Digital Arrest: RBI के पूर्व अधिकारी को CBI और ED का डर दिखाकर ठगे 3 करोड़ रुपये

नोएडा। नोएडा (Noida) में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के रिटायर्ड अधिकारी (Retired officer) और उनकी पत्नी को 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) रख 3 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है। जालसाजों ने बुजुर्ग दंपती को सीबीआई (CBI) का डर दिखाकर झांसे में लिया था। इतना ही नहीं, रकम ऐंठने के बाद आरोप मुक्त करने का फर्जी आदेश भी भेजा। इसमें कहा गया था कि उनके सभी फंड वैध हैं।
साइबर अपराधियों ने सेक्टर-75 स्थित गार्डेनिया गेटवे सोसाइटी निवासी 78 वर्षीय बिरज कुमार सरकार और उनकी पत्नी को 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान दंपती को सिर्फ खाने और दैनिक प्रक्रिया करने और ऑनलाइन घरेलू सामान मंगाने की छूट दी गई। इस अलावा आरोपियों ने दंपती को मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में लिप्त होने का डर दिखाया। किसी व्यक्ति से जानकारी साझा करने पर तत्काल गिरफ्तारी करने की धमकी दी गई।
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उनके जीवन का लंबा समय नौकरी में व्यतीत हुआ है। उन्हें खुद विश्वास नहीं है कि वह डिजिटल अरेस्ट कैसे हो गए। जालसाजों ने सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ देश के सर्वोच्च न्यायिक संस्थान के नाम का भी दुरुपयोग किया और उनके जीवनभर की कमाई को धोखे से हड़प लिया।
जालसाजों ने पीड़ित बुजुर्ग और उनकी पत्नी को झांसे में लेने के लिए 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के नाम से एक फर्जी आदेश (स्पष्टीकरण पत्र) भेजा। इसमें कहा गया था कि उनके सभी फंड वैध हैं। न्यायालय को नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके धन की कोई संलिप्तता नहीं मिली, इसलिए 6 से 7 दिन के भीतर रुपये वापस आ जाएंगे। उस समय तक जालसाज उनसे रकम ऐंठ चुके थे। हालांकि, बुजुर्ग दंपती मामले की किसी को जानकारी न दे पाएं, इसलिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखना जारी रखा। एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी रुपये नहीं आए तो पीड़ित को ठगी होने का अहसास हुआ और उसके बाद उन्होंने साइबर अपराध थाने में केस दर्ज करवाया।
पीड़ित का कहना है कि उन्होंने अपने भविष्य की शुरुआत कोलकाता में आरबीआई के अधिकारी के रूप में की थी। करीब 5 सालों तक ईमानदारी से काम किया। इसके बाद वह ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी (भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली) में शामिल हो गए। करीब 31 वर्षों तक मेहनत से कार्य किया। इसके बाद उन्हें प्रमोशन दिया गया। उन्हें जनरल मैनेजर के कैडर की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद उन्हें ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के बोर्ड में एक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में पदोन्नत किया गया। ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से अपनी रिटायरमेंट के बाद वह मैग्मा फाइनेंस कंपनी की एक निजी कंपनी में शामिल हो गए। बैंकिंग क्षेत्र में इतना लंबा जीवन बिताने के बाद उन्हें नहीं पता था कि एक दिन उनके साथ इस तरह की घटना होगी।
रकम फ्रीज कराने के लिए बैंकों को भेजे पत्र : साइबर सेल की डीसीपी प्रीति यादव ने बताया कि जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, उनकी जांच की जा रही है। रकम को फ्रीज कराने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए बैंकों को पत्र भेजा गया है।
कंपनी कर्मियों को जागरूक किया गया : पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर साइबर अपराध के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 30 दिवसीय कार्यक्रम चलाया जा रहा है। गुरुवार को तीसरे दिन डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने विराज वेंचर्स प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनी में कर्मचारियों को जागरूक किया। डीसीपी ने साइबर अपराध और ठगी से बचने के तरीकों के बारे में बताया।
कोई भी जांच एजेंसी इस तरह पूछताछ नहीं करती
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि देश की कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। यदि वीडियो कॉल पर पुलिस, सीबीआई, सीआईडी आदि के अधिकारी आ जाएं तो सब फर्जी होता है। इस तरह की कॉल आने पर कॉलर से कहें कि लोकल पुलिस के साथ घर आकर पूछताछ करें।
साइबर ठगी होने पर यहां शिकायत करें
साइबर ठगी होने पर जितना जल्दी शिकायत दर्ज कराएंगे, उतना धनराशि फ्रीज कराने में आसानी होगी। ठगी होने के 24 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 1930 या नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल cyber crime.gov in पर शिकायत अवश्य दर्ज करा दें।
साइबर ठगी से बचने के लिए ये सावधानी बरतें
● अगर कोई अनजान व्यक्ति पार्सल में ड्रग्स होने की बात कहे तो पुलिस से संपर्क करें।
● कोई फोन कॉल करके लोन दिलाने के लिए कहे तो उसके झांसे में बिल्कुल न आएं।
● अनजान व्यक्ति से बैंक खाता, आधार नंबर, पेन आदि अन्य जानकारी साझा न करें।
● अगर कोई अनजान व्यक्ति किसी सोशल मीडिया ग्रुप में जोड़ता है तो उससे इसका कारण पूछे।
● कम समय में कोई अगर भारी मुनाफा होने का झांसा दे तो सतर्क हो जाएं।
● वीडियो और वेब पेज को लाइक करने पर मोटी कमाई होने के झांसे में न आएं।