‘हमें अकेले लड़ना है या INDIA के साथ जाना है, पार्टी हाईकमान तय करें’

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  • …दिल्ली हार के बाद कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का बयान

Rashid Alvi Statement: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मिली हार और भाजपा की जीत पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस नेता नेता राशिद अल्वी ने कहा “अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव साथ मिलकर लड़ा होता तो भाजपा जीत नहीं पाती। कांग्रेस हाईकमान को तय करना है कि हमें अपने सहयोगियों के साथ जाना है या अकेले चुनाव लड़ना है। दिल्ली में जो कुछ हुआ है, वह दिल्ली के मुसलमानों के लिए चिंता की बात है। इस चुनाव ने दिल्ली वासियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भाजपा कांग्रेस की वजह से चुनाव जीती है। अगर हमें भाजपा को हराना है तो हमें INDIA गठबंधन में शामिल सभी दलों का सम्मान करना होगा और गठबंधन को मजबूत करना होगा।”

पिछले एक दशक से कांग्रेस का दिल्ली में नहीं खुला खाता

दिल्ली चुनाव में पिछले एक दशक से कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला है। इसके पहले साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली थीं। वहीं भाजपा ने 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी। साल 2013 में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई थी। हालांकि 49 दिन बाद ही अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस पर काम में बाधा बनने का आरोप लगाकर प्रचंड बहुमत मिलने पर ही सीएम बनने की घोषणा कर दी।

इसके चलते साल 2015 में एक बार फिर दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराए गए। इस बार आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 67 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की। तीन सीटें भाजपा के खाते में गईं। जबकि कांग्रेस का सूफड़ा साफ हो गया। साल 2020 में भी आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए दिल्ली में प्रचंड बहुमत हासिल किया। भाजपा को आठ सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस का एक बार फिर सूफड़ा साफ रहा। इस दौरान दिल्ली में कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी तेजी के साथ गिरा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भी कांग्रेस शून्य

बात अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की करें तो दिल्ली में कांग्रेस का खाता तो नहीं खुला, लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में थोड़ी राहत जरूर मिली। पिछले दो चुनावों की अपेक्षा इस बार कांग्रेस का वोट शेयर दो प्रतिशत तक बढ़ा है। इसके साथ ही भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली में प्रचंड बहुमत हासिल किया। पिछले दो चुनावों में 60 से ज्यादा सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी से 48 सीटें झटक लीं। जबकि ‘आप’ सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। हालांकि वोट शेयर के मामले में भाजपा सिर्फ आम आदमी पार्टी से दो प्रतिशत ही आगे है।


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दिल्ली चुनाव 2025 में जहां भाजपा का वोट शेयर 45.56% रहा। वहीं आम आदमी पार्टी को भी 43.57% वोट शेयर मिला। यानी केवल 2 प्रतिशत वोट शेयर के अंतर से ही भाजपा ने पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार 40 सीट ज्यादा जीतीं। बात अगर पिछले दो चुनावों की करें तो साल 2015 में ‘आप’ को 54.59 प्रतिशत और 2020 में 53.57 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि भाजपा को साल 2015 में इन दोनों चुनावों में 32.78 और 34.12 प्रतिशत वोट मिले थे। इस लिहाज ने साल 2025 में भाजपा के वोट शेयर में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जबकि आम आदमी पार्टी को वोट शेयर में 10 प्रतिशत नुकसान हुआ है।

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कांग्रेस का घटा वोट शेयर

बात अगर कांग्रेस की करें तो दिल्ली चुनाव 2025 में पार्टी के वोट शेयर में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि साल 2015 की अपेक्षा यह कम ही है। साल 2015 के चुनाव में कांग्रेस को दिल्ली में 9.7 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि साल 2020 में कांग्रेस को 4.26 प्रतिशत वोट ही मिले। इस बार कांग्रेस को 6.34 फीसदी वोट हासिल हुए हैं। इसके अलावा दिल्ली की कुछ सीटों पर कांग्रेस का इस बार प्रदर्शन भी सुधरा है। कस्तूरबा नगर में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक दत्ता दूसरे स्‍थान पर रहे। वह 11,048 वोटों से भाजपा के नीरज बसोया से चुनाव हारे, लेकिन ‘आप’ से आगे रहे। इस सीट पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही।

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