फिनिक्स पक्षी की तरह है बुंदेलखण्ड जो राख के ढेर में से खड़ा होना जानता है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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खजुराहो । बुन्देलखण्ड की धरती के बारे में ऐसा कहा जाता है कि एक फिनिक्स पक्षी के बारे एक कहानी है। जिसके बारे में कहा जाता है कि उसके शरीर को जला दो , राख का ढेर हो जाए , इस ढेर से फिनिक्स पक्षी वापिस बाहर निकलकर पंख फड़ फड़ाते हुए अपनी नई यात्रा के लिए निकल जाता है। आपने तो यह कहानी सुनी ही होगी लेकिन बुन्देलखण्ड की धरती पर यह यथार्थ में दिखाई देता है कि यहां के वीरों ने कभी किसी के सामने सिर नहीं झुकाया है। अपनी वीरता ,शौर्य, साहस, पराक्रम, पुरुषार्थ के लिए आप जो यह खजुराहो के मंदिर देख रहे हो, भारत देश में सनातन धर्म के देव स्थानों पर आक्रमण हुआ किन्हीं कारणों से उनमें खजुराहों के और उज्जैन के मंदिर भी शमिल हैं। इन मंदिरों को बचाने के लिए बुन्देलखण्ड के वीरों ने मिट्टी के बड़े बड़े ढेर बनाकर मंदिर ढंक दिए थे। इस प्रकार उन्हें बचाया गया था। यह सिर्फ बुन्देलखण्डी कर सकता है और कोई नहीं कर सकता। उक्त बातें खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में ‘‘बुन्देलखण्ड विकास और यथार्थ’’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय परिसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही हैं।
अनेक संभावनाओं की धरती है बुंदेलखण्ड
उन्होंने कहा कि सबसे पहले हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी को इस विषय पर संवाद करने के लिए बहुत बधाई, जो यह विषय चुना गया। निश्चित ही बुंदेलखण्ड की धरती ही वह स्थल है, यहां हर चमकती हुई चीज हीरा होती है। यहां के हीरों की चमक पूरे देश के अंदर 90 प्रतिशत पायी जाती है तो वह स्थल क्षेत्र का पन्ना है। कहीं स्वर्ण की खदानें मिलने की संभावना है तो कहीं अन्य तरह की अनेक संभावनाएं इस धरती में समाहित हैं। मुख्यमंत्री यादव ने कहा, बुन्देलखण्ड ने अपने उस गौरवशाली विरासत के बलबूते समयकालीन अनेक कठिनाइयों के बीच भी रास्ता निकाला है, वो रास्ता जुड़ता है आल्हा उदल से , महाराजा छत्रसाल से, बेतवा और केन की धारा से। बुन्देलखण्ड में कला स्थापक के अद्भुत नमूने मिलते हैं, उनके लिए कल्पना करना ही मुश्किल है। देवस्थान के उपर भी भगवन यहां अपनी प्रत्यक्षता का प्रमाण देते हैं। बुन्देलखण्ड में जहां खजुराहों में भगवान मतंगेश्वर का आकार बढ़ता ही जाता है, वास्तव में यह और कहीं नहीं हो सकता है सिर्फ और सिर्फ बुन्देलखण्ड में देखा सकता है। यह आस्था विश्वास का केन्द्र है।
यहां के रग रग में आध्यात्म है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना रहा, मध्यप्रदेश में कहने के लिए छह एयरपोर्ट हैं, जिनमें बुन्देलखण्ड का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे पहले खजुराहो में बनाया गया था। सबसे पहली सेवन स्टार, फाईव स्टार होटल कही बना है तो वह खजुराहो है। बुन्देलखण्ड की धरती पर ऐसे संत हुए हैं, जिन्होंने अपने समय में समाज की दशा और दिशा उसके उच्च सौपान तक पहुंचाने का काम किया है, अब हमारे महाराज जो भूत-भविष्य और वर्तमान अपने दादा गुरु जी के जमाने से लेकर आज भी बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बताते हैं। यह अद्भुत क्षेत्र है। आज वास्तव में आध्यात्मि की इस धरा को समझने के लिए हर कोई जिज्ञासु है। हो सकता है कुछ लोगों को आज समझ न आए, किंतु कल अवश्य समझ आएगा। यहां हर कोई नित प्रतिदिन चमात्कार देखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उज्जैन की धरती से आता हूं। जहां बाबा महाकाल की भस्म आरती सबका समय नियत बताती है। जन्म से लेकर मृत्यु तक पूरा समय जो ना घटता है ना बढ़ता है जो नियत है। ना जन्म हमारे हाथ में है ना मृत्यु हमारे हाथ में है लेकिन जन्म से लेकर मृत्यु तक पूरे कार्यक्रम में प्रारब्ध के आधार पर आपको परमात्मा ने यहां भेजा है। पुरुषार्थ के आधार पर पुण्य कमाते हुए आप अपनी यात्रा अनन्तकाल तक आगे तक बढ़ाएं।
विश्व का पहला नदी जोड़ो अभियान यहीं आकर साकार हुआ है
डॉ. मोहन ने कहा, विश्व की पहली नदी जोड़ने की कल्पना पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी जी ने की थी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी बीस साल तक इसके लिए संघर्ष किया। जैसे ही यह कार्यक्रम पुन: आया मैं बहुत आनन्दित हुआ। आज यह कल्पना बुंदेखण्ड की धरती पर साकार रूप ले रही है। उन्होंने कहा कि भारत में सनातन संस्कृति और धर्म की जड़ों की गहराई इतनी गहरी है कि हमने देवताओं को नहीं देखा है, किंतु यह बताने के लिए हमारे शंकराचार्य, संत हमें सत्संग कर उनेक बारे में बताते हैं। व्याधि और बीमारी तो हो सकती है जिस हेतु शारीरिक और आध्यात्मिकता रूप से राहत और उपचार के लिए हमारे बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का भूमिपूजन करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुन्देलखण्ड की पावन पुनीत धरा पर आ रहे हैं। सीएम ने कहा कि यह सारी बात इस लिए बता रहा हूं ताकि हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी सभी भाषाओं में जन-जन तक सूचना पहुंचाने का काम नारद मुनि की तरह करे। डॉ. मोहन यादव का कहना रहा, हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ न्यूज एजेंसी बने इसलिए मध्यप्रदेश की सरकार हमेशा तत्पर रहेगी और आप भी शासन-प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे आएं।
इन्हें मिले समाज जीवन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मान
इस अवसर पर मृत्यु उपरांत वरिष्ठ स्तम्भकार प्रशांत बाजपेयी की पत्नि वर्णिका बाजपेयी को रामशंकर अग्निहोत्री नारद पत्रिकारिता सम्मान एवं राशि दो लाख का चेक सौंपा गया। यह सम्मान संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संदीप सरावगी ने मंचासीन अतिथियों के साथ अपने हाथों से दिया। इसके लिए उन्हें भी भामाशाह पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। डॉ. केके प्रजापति को चिकित्सा के क्षेत्र में चरक सम्मान, डॉ. निवेदिता शर्मा एवं ओंकार सिंह, कृपा शंकर चौबे को बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के सम्मानित किया गया। निर्मलदास नारंग को सहरिया जनजाति समाज के बीच शिक्षा एवं समाजिक क्रांति करने के लिए सम्मानित किया गया। ओमप्रकाश गुप्ता को श्रीकांत जोशी सम्मान, अखिलेश उपाध्याय को ग्रामीण विकास के लिए, शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए संजय पटवा, प्रशांत तिवारी, स्नेहलता सिंह बुन्देला को सम्मानित किया गया। दीपेन्द्र पद्म बरैया को गौसेवा सम्मान, संजय शर्मा को समाज सेवा के क्षेत्र में, सेवा भारती से जुड़े राजेश उपाध्याय को उनके सेवा के लिए किए गए समर्पण पर, रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सचिन सक्सैना को, विनोद पुरवार को समाजसेवा के लिए और पंण्डित भगवती प्रसाद शुक्ला को सनातन धर्म के मर्म को समझकर राष्ट्र सेवा के लिए कार्य करने पर स्वतंत्र वीर सावरकर सम्मान दिया गया है।
अब अस्पताल में मंदिर नहीं, मंदिर में अस्पताल होगा- पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
‘‘बुन्देलखण्ड विकास और यथार्थ’’ विषय पर परिसंवाद कार्यक्रम में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि अभी तक अस्पतालों में मंदिर थे लेकिन अब इतिहास बदलने जा रहा है मंदिर में अस्पताल तैयार होगा। हमारा भारत विश्वामित्र का भारत है जो विश्व में एक मित्र की भूमिका निभा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री विश्व के सभी नेताओं जेलेंस्की, पुतिन और ट्रम्प से एक साथ बात करते हैं, दूसरी ओर विश्व के नेता पुतिन, जेंलेंस्की से बात नहीं करते और ट्रम्प, पुतिन से बात नहीं करते हैं। बुन्देलखण्ड को 23 फरवरी के दिन एक बडी सौगात देने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं। हमारा बुन्देलखण्ड अद्भुत है, यहां औद्योगिक क्षेत्र के लिए अपार संभावनाएं हैं। हमारे बुन्देलखण्ड में विविध संस्कृतियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। आपको माता बैष्णों देवी के दर्शन करने हैं तो मैहर आ जाओ, आपको अयोध्या के रामलला के दर्शन करने हैं तो ओरक्षाधाम आ जाओ। आपको मेंहदीपुर बाला जी के दर्शन करने है तो बागेश्वर धाम आ जाओ। पूरा बुन्देलखण्ड अद्भुत है। पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, ‘‘ऐसी भूमि न दुनिया के खण्ड खण्ड में, जनम दईओ विधाता बुन्देलखण्ड में।‘’
विश्व भर में खजुराहो की अब नई पहचान आईकॉनिक सिटी के रूप में होगी- विष्णुदत्त शर्मा
‘बुन्देलखण्ड विकास और यथार्थ’’ विषय पर परिसंवाद कार्यक्रम में खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि खजुराहो अब एक नई पहचान आईकॉनिक सिटी के रूप बनाएगा, जिसका हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सपना देखा है। हिन्दुस्थान समाचार द्वारा जिस विषय पर परिसंवाद किया जा रहा है वह बहुत प्रासंगिक है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे यहां सेवा करने का अवसर आमजन ने दिया है। बुन्देलखण्ड के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सतत् कार्य कर रहे हैं। बागेश्वर धाम में 23 फरवरी कैंसर हास्पिटल मिलने वाला है। अब केन-वेतवा लिंक परियोजना सिंचाई के लिए मील का पत्थर साबित होगी। औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने सीएम चिंता कर रहे हैं।
इस अवसर पर हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष अरविन्द्र भालचन्द्र मार्डीकर का कहना रहा कि न्यूज एजेंसी 15 भारतीय भाषाओं में नियमित पत्र-पत्रिकाओं को समाचार, लेख, फीचर आदि प्रकाशनार्थ प्रेषित करती है। समाचार एजेंसी समय समय पर विकास से जुडे़ मुद्दों, प्रादेशिक तथा राष्ट्रीय महत्व के कुछ विशेष विषयों पर संगोष्ठी और परिसंवाद, कार्यशाला निरंतर करती आ रही है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी की स्थापना से लेकर वर्तमान परिदृष्य से सभी को अवगत कराया। वहीं, इस परिसंवाद में न्यूज एजेंसी के मध्यप्रदेश प्रमुख डॉ. मयंक चर्तुर्वेदी ने भी संबोधित किया और इस आयोजन के पीछे का निहितार्थ सभी के समक्ष रखा। बुन्देलखण्ड विकास और यथार्थ परिसंवाद में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार , पशुपालन राज्यमंत्री लखन पटेल , विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। संवाद आयोजन में लखनऊ केंद्रीय विवि के पूर्व कुलाधिपति एवं मप्र राज्य लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. प्रकाश बरतूनिया ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन महेश पटेरिया और आभार प्रदर्शन युगल किशोर शर्मा ने किया। आयोजन में पत्रकार सौरभ कुमार भटनागर का विशेष योगदान रहा।
बुंदेलखण्ड के विकास के लिए अनेक सत्रों के जरिए खोजे गए समाधान
उल्लेखनीय है कि बुन्देलखण्ड की सम-सामयिक चुनौतियों से निपटने एवं विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए विशेष तौर पर मप्र-उप्र के सभी बुंदेलखण्ड क्षेत्र में आनेवाले 13 जिलों से प्रतिभागियों ने सहभागिता की, वहीं, प्रदेश के सभी जिलों से यहां सवाददाता आए हुए थे। परिसंवाद कार्यक्रम में बुन्देलखण्ड में संभावनाओं की तलाश , बुन्देलखण्ड का रोडमेप 2025 से 2035 तक , बुन्देलखण्ड विकास के लिए हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान , बुन्देलखण्ड से पलायन नहीं , रोजगार देने वाला क्षेत्र , बुन्देलखण्ड में कला, संस्कृति और आर्थिक विकास, बुन्देलखण्ड की प्राचीन संस्कृति का आख्यान, बुन्देलखण्ड पर्यटन के लिए नए क्षितिज, भविष्य का स्वर्णिम बुन्देलखण्ड जैसे विषयों पर अलग सत्र चलाए गए।