Delhi Election 2025: केजरीवाल से लड़ेगी BJP की ‘हरियाणा सेना’
-
खट्टर, सैनी समेत 16 नेताओं की फौज उतारी
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के खिलाफ ‘हरियाणा सेना’ यानी हरियाणा के दिग्गज नेताओं को दिल्ली चुनाव प्रचार में उतारने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पार्टी ने कुछ नेताओं को इलाके भी बांट दिए हैं। साथ ही सरकार और संगठन चला चुके हरियाणा के नेताओं का दिल्ली चुनाव की रणनीति बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। इन नेताओं को निर्देश दिया गया है कि दिल्ली में दलितों के लिए की जाने वाली घोषणाओं की हकीकत सबके सामने लाएं।
प्रचार की कमान: हरियाणा के ये प्रमुख नेता दिल्ली में संभालेंगे
चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी: इन दिग्गजों को भी सौंपी गई
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच मुख्य चुनावी मुकाबला माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनावी अभियान भी शुरू कर दिया है। इसके तहत हरियाणा के फरीदाबाद से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली सभी 10 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि हरियाणा के शिक्षा मंत्री और पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा को पश्चिमी दिल्ली का प्रभार सौंपा गया है।
भाजपा ने दिल्ली में क्यों उतारी ‘हरियाणा सेना’?
दरअसल, दिल्ली में पंजाबी, जाट, गुर्जर, ब्राह्मण और दलित समाज की चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी को देखते हुए भाजपा ने सभी नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों में जिम्मेदारियां सौंपी हैं। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ओबीसी समाज से हैं। जबकि मनोहर लाल खट्टर और मनीष ग्रोवर पंजाबी हैं। इसमें खट्टर गुर्जर समाज से हैं। जबकि कमल गुप्ता और ज्ञानचंद गुप्ता बनिया समाज से हैं। जय प्रकाश दलाल जाट नेता हैं। इसके उलट आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल बनिया हैं। जबकि दिल्ली की मौजूदा सीएम आतिशी पंजाबी रातपूत और मनीष सिसौदिया राजस्थानी राजपूत हैं।
तरीका: हरियाणा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने अपनाया था यही
हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार में यह रणनीति अपनाई थी। उन्होंने खुद को हरियाणा से जोड़ते हुए ‘हरियाणा का लाल’ बता कर मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की थी। हालांकि हरियाणा में आम आदमी पार्टी की यह कोशिश कामयाब नहीं हुई थी। पार्टी के कुछ उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। अब दिल्ली में भाजपा आम आदमी पार्टी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल का दांव ही लगाने की तैयारी में है।
दिल्ली चुनाव: सीएम सैनी और पूर्व सीएम खट्टर की क्या होगी भूमिका?
भाजपा सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी दिल्ली चुनाव में भाजपा की ओर से स्टार प्रचारक होंगे। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ओबीसी वर्ग से आते हैं। दिल्ली में ओबीसी समीकरण साधने के लिहाज से सीएम सैनी की भूमिका अहम है। नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में कांग्रेस को करारी शिकस्त देकर चुनाव जीता है। इसके अलावा जो लोग मूलरूप से हरियाणा के निवासी हैं और मौजूदा समय में दिल्ली के वोटर हैं। उन्हें नायब सिंह सैनी भाजपा के पक्ष में ला सकते हैं।
मनोहर लाल खट्टर: दिल्ली चुनाव की रणनीति बनाएंगे
जबकि दूसरी ओर केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर भाजपा की रणनीतिक टीम का अहम हिस्सा बनाए जाएंगे। मनोहर लाल खट्टर को संगठन से लेकर सरकार चलाने तक अनुभव है। हरियाणा के रोहतक जिले के महम निवासी मनोहर लाल खट्टर साल 2014 में करनाल से पहली बार विधायक बने। इसके बाद भाजपा ने उन्हें हरियाणा का सीएम बनाया। साल 2019 में बीजेपी एक बार फिर हरियाणा की 40 विधानसभा सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। इसके बाद सरकार चलाने के लिए खट्टर ने बीजेपी के विरोधी वोटों से जीतने वाली जननायक जनता पार्टी को अपने साथ मिला लिया और फिर साढ़े 4 साल तक हरियाणा में सरकार चलाई।
भाजपा: इन महिला नेताओं को भी दिल्ली चुनाव में उतारेगी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हरियाणा की महिला नेता भी भाजपा को सपोर्ट करेंगी। इनमें केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी के नाम शामिल हैं। राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती ने हरियाणा में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता है। इसके साथ ही वह हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। दूसरी ओर किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भी हरियाणा में विधायक हैं। साल 1998 में किरण चौधरी ने दिल्ली कैंट विधानसभा से चुनाव जीता था। किरण चौधरी साल 1998 से साल 2003 तक दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रही हैं। दिल्ली चुनाव में इन महिला नेताओं के उतरने से भाजपा को फायदा मिल सकता है।