विधानसभा में विधायक रवींद्र नेगी ने प्रश्नकाल में मुद्दा उठाया मीट की दुकानें का

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नई दिल्‍ली, विधानसभा में विधायक रवींद्र नेगी ने प्रश्नकाल में मुद्दा उठाया कि मीट की दुकानें पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर चल रही है इससे आने जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है.

दिल्ली विधानसभा में बीजेपी विधायक ने उठाया मीट की दुकानों का मुद्दा, मंत्री प्रवेश वर्मा ने क्या कहा?
मंत्री प्रवेश वर्मा और विधायक रवींद्र नेगी

दिल्ली विधानसभा का सत्र दो दिन के लिए बढ़ाने के फैसले में सदन की सहमति न लेने के विपक्ष के आरोपों के बीच गुरुवार (27 मार्च) सदन में हंगामा हुआ. इस पर नियम बताते हुए स्पीकर विजेंद्र गुप्ता सदन के नेता की सहमति से सत्र बढ़ा सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि आपके (AAP) समय तो सत्र ही नहीं बुलाया जाता था, पांच साल में सिर्फ चार सत्र और हमारे एक महीने में दो सत्र. वहीं मंत्री मनजिंदर सिरसा ने कहा कि अगर दस साल तक कानून नहीं माना गया, तो क्या वो परंपरा बन गई. उनके अलावा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि अध्यक्ष पूरे सदन के होते हैं, अध्यक्ष पर आप आरोप नहीं लगा सकते.

रवींद्र नेगी ने उठाया मीट की दुकानों का मुद्दा

उधर, विधानसभा में विधायक रवींद्र नेगी ने प्रश्नकाल में मुद्दा उठाया कि मीट की दुकानें पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर चल रही है इससे आने जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है. इस पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री ने जवाब दिया कि अतिक्रमण है तो बताएं सरकार कार्रवाई करेगी. प्रवेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली में जहां कहीं भी एंक्रोचमेंट है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने सभी विधायकों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में इसकी एक लिस्ट बनाएं और उन्हें सौंपे और जब एंक्रोचमेंट के खिलाफ ड्राइव चलाया जाए तो वह खुद इसमें शामिल हो उन्होंने कहा कि दिल्ली में एंक्रोचमेंट बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

मीट की अवैध दुकानें हटाने के निर्देश

 

दिल्ली में मंदिरों के पास से मीट की दुकानें हटाने के करनैल सिंह के सवाल पर सदन में मंत्री प्रवेश वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. कोई भी मांस मछली वाला गैरकानूनी रूप से बैठा हो, उसे हटाने के आदेश दे दिए गए हैं
इस दौरान कपिल मिश्रा विपक्ष पर बिफरते नजर आए. उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में जितनी देर सीएम रेखा गुप्ता सदन में रही हैं पिछली सरकार के मुख्यमंत्री पूरे शासन काल में नहीं आए.

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