अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ… माइनिंग कंपनी का दावा- 27000 रुपये तक हो सकता है सस्ता

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नई दिल्ली। सोने का खनन (Gold mining) करने वाली एक बड़ी कंपनी का दावा है कि भारत (India) में सोना अपने रिकॉर्ड हाई (Record high) से टूटकर 70,000 रुपये तक पहुंच सकता है। यानी सोना करीब 27000 रुपये सस्ता (Gold cheaper Rs 27,000) हो सकता है। इसके बारे में खबर में विस्तार से चर्चा करेंगे, लेकिन पहले यह जान लें कि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) खरीदा गया सोना (Gold purchased) रिटर्न के लिहाज से लोगों के लिए कितना शुभ होता है। आंकड़ों के अनुसार, बीते 10 वर्षों के दौरान अक्षय तृतीया के दिन खरीदे गए सोने ने निवेशकों को तीन गुना मुनाफा कराया है।

कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि
वर्ष 2014 में अक्षय तृतीया के अवसर पर 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹30,000 प्रति 10 ग्राम थी। वर्तमान में, 2025 में यह कीमत बढ़कर ₹95,900 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। यह तीन गुना से अधिक की वृद्धि है। इन 10 वर्ष में दो बार ऐसे मौके भी आए हैं, जब सोने ने एक साल में 30 प्रतिशत प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। कोरोना काल में इसने सबसे अधिक 47 प्रतिशत का मुनाफा निवेशकों को करवाया था।

सोने की मांग में गिरावट
आसमान छूते दाम की वजह से सोने की मांग में गिरावट नजर आ रही है। हर साल अक्षय तृतीया से 8-10 दिन पहले से ही सर्राफा कारोबारियों को सोने के आभूषणों, गिन्नी, सिक्कों के ऑर्डर मिलने लगते थे, मगर इस बार ऐसा नहीं हो रहा।

दो ग्राम के सिक्के की मांग : सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि अक्षय तृतीया पर जो लोग हर साल सोना खरीदते हैं, उन्होंने भी अब हाथ खींच लिए हैं। जो लोग पहले 10 ग्राम के सोने के सिक्के खरीदते थे, वे इस बार दो ग्राम के सिक्के मांग रहे हैं। सेामवार को सोने की कीमत प्रति सौ ग्राम 99,400 पर रही।

एक साल में 32 प्रतिशत का रिटर्न
वहीं, पिछले साल अक्षय तृतीया (10 मई 2024) को 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 72,727 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। अब, अप्रैल 2025 में यह कीमत 98,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई है। यानी एक साल में सोने ने निवेशकों को लगभग 32% का शानदार रिटर्न दिया है। यह रिटर्न पारंपरिक निवेश विकल्पों की तुलना में काफी आकर्षक है।

आगे तेज उतार-चढ़ाव के आसार
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप का टैरिफ और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ता ट्रेड टेंशन सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीतियों पर भी भाव निर्भर है। यदि दुनियाभर में ट्रेड टेंशन और बढ़ता है तो सोने का भाव एक साल के भीतर सवा लाख का स्तर पार कर सकता है।

27000 रुपये सस्ता हो सकता है सोना
वहीं, सोने के खनन कार्यों में लगी दुनिया की बड़ी कंपनी सॉलिडकोर रिसोर्सेज पीएलसी ने दावा किया है कि ट्रेड टेंशन घटता है तो 12 महीनों में सोने की कीमत में बड़ी गिरावट आ सकती है। कंपनी के मुताबिक सोने के अंतरराष्ट्रीय भाव 2500 डॉलर प्रति औंस पर आ सकते हैं। अभी कीमत 3300 डॉलर से ऊपर है। अगर ऐसा होता है तो भारत में सोना अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर से टूटकर 70,000 रुपये तक पहुंच सकता है। यानी सोना करीब 27 हजार रुपये सस्ता हो सकता है।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश दोगुना हुआ
सोने की बढ़ती कीमतों के कारण निवेशक अब गोल्ड ईटीएफ में दांव लगा रहे हैं। इक्रा एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2025 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश सालाना आधार पर 98.54 प्रतिशत बढ़कर 1,979.84 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 997.21 करोड़ रुपये था।

लॉन्ग टर्म के लिए निवेश योजना बनाएं
एचडीएफसी के कमोडिटी और करंसी विभाग के प्रमुख अनुज गुप्ता के अनुसार, सोने की कीमतों में आगे तेज उतार-चढ़ाव आने के आसार हैं। ऐसी स्थिति में निवेशकों को अपने जोखिम के अनुसार निवेश योजना बनानी चाहिए। उन्हें छोटी अ‌वधि के बजाए लॉन्ग टर्म के लिए निवेश योजना बनानी चाहिए। उनके पास गोल्ड ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड के विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें छोटी राशि से भी निवेश किया जा सकता है।

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