गांधी के आदर्शों पर NSS के 55 साल @Rahul Singh Parihar
- एनएसएस की शुरुआत 40 हजार छात्रों के साथ हुई थी, जो अब 40 लाख से अधिक युवाओं के जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं।
- 24 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के 55 साल पूरे हो रहे हैं
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कल 55 साल पूरे हो रहे हैं। इसको नींव 24 सितंबर, 1969 को रखी गई थी, जो 40 हजार छात्रों के साथ शुरू हुई थी। इन 55 वर्षों में यह योजना 40 लाख से अधिक युवाओं के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। इस योजना का आरंभ उन आदर्शों पर हुआ था, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और समाज-सेवा के प्रति उनके गहरे समर्पण पर आधारित थे।
मौजूदा प्रतिस्पर्धा के युग में जहां हर कोई अपने लिए कुछ अलग और विशिष्ट हासिल करना चाहता है, ऐसे में हम अपनी संस्कृति से जुड़े रहें और अपने कर्तव्यों को समझते हुए समाज और राष्ट्र की उन्नति में भागीदारी करें, इसी उद्देश्य से महात्मा गांधी की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार ने इसकी शुरुआत की थी।
एनएसएस के विद्यार्थी ‘शिक्षा द्वारा समाज-सेवा, समाज-सेवा द्वारा शिक्षा’ के लक्ष्य के साथ न केवल समाज, समुदाय और उनकी समस्याओं को समझते हैं, बल्कि अपने व्यक्तित्व को निखारकर कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरते हैं। श्रम की महत्ता, समाज में व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन के लिए जागरूकता और विभिन्न सामुदायिक सेवाएं छात्रों को जीवन की व्यावहारिक चुनौतियों से जूझने के लिए तैयार करती हैं।
राहुल सिंह परिहार-
यह छात्रों को सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए जागरुक करने और उन्हें जीवन की व्यावहारिक चुनौतियों से जूझने के लिए तैयार करती हैं।
यह योजना छात्रों को सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का अनुभव कराती हैं, जिससे उनके विचारों में परिपक्वता और उनके चरित्र में सकरात्मकता का संचार होता हैं और वे नए भारत के निर्माण में भागीदार बनते हैं।
इसके माध्यम से छात्र कई कौशल विकसित करते हैं। वे समाज-सेवा के माध्यम से सदाचार, साहस, निर्णय लेने की क्षमता और प्रज़ातांत्रिक मूल्यों को आत्मसात करते हैं। यह योजना छात्रों को सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का अनुभव करता है, जिससे उनके विचारों में परिपक्वता और उनके चरित्र में सकारात्मकता का संचार होता है और वे नए भारत के निर्माण में भागीदार बनते हैं।
यह छात्र-छात्राओं को न केवल स्थानीय, बल्कि राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। मध्य प्रदेश सरकार ने “नई शिक्षा नीति’ के तहत इसे पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल किया है। एनएसएस का सिद्धांत समाज-सेवा है और इसका अंतिम उद्देश्य राष्ट्र निर्माण है। पिछले 55 वर्षों में एनएसएस ने सफलता की अनगिनत कहानियां लिखी हैं। रक्तदान, लैंगिक समानता, बाल अधिकार संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, मानव्र अधिकार, वित्तीय और डिजिटल साक्षरता जैसे तमाम सामाजिक मुद॒दों पर एनएसएस ने जन-जागरूकता पैदा की है। एनएसएस अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि जीवनशैली बन चुकी है।