भारत सेमीकंडक्टर मिशन, सीजी पावर और सीजी सेमी ने वित्तीय सहायता समझौते पर हस्ताक्षर किए

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नई दिल्ली। एक मजबूत सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को चिह्नित करते हुए भारत सेमीकंडक्टर मिशन, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड और सीजी सेमी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शुक्रवार को एक वित्तीय सहायता समझौते (एफएसए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह सीजी की ओएसएटी सुविधा के माध्यम से अपने सेमीकंडक्टर विनिर्माण को मजबूत करने के भारत के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए संशोधित कार्यक्रम के तहत अनुमोदित किया गया था।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड गुजरात के साणंद में अपनी सेमीकंडक्टर ओएसएटी इकाई स्थापित कर रही है। यह रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका इंक. और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स (थाईलैंड) पब्लिक कंपनी लिमिटेड के साथ साझेदारी में है। इसमें कुल निवेश लगभग 7,600 करोड़ रुपये (परियोजना) है।

इस परियोजना को भारत सेमीकंडक्टर मिशन से पात्र पूंजीगत व्यय के लिए समतुल्य आधार पर 50 प्रतिशत राजकोषीय सहायता का लाभ मिलेगा, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सचिव एस कृष्णन ने रेखांकित किया कि भारत सरकार एफएसए पर हस्ताक्षर के साथ परियोजना के कार्यान्वयन के हर चरण में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने घरेलू बौद्धिक संपदा और बाजार विकास के महत्व पर जोर देते हुए क्षेत्र की बारीकियों को गहराई से समझने और उनकी तेज प्रगति के लिए सीजी पावर की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सीजी पावर भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएगा और 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स में 500 बिलियन डॉलर के उत्पादन लक्ष्य तक पहुंचने के भारत के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड के अध्यक्ष वेल्लयन सुब्बैया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एफएसए पर हस्ताक्षर भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो विनिर्माण और डिजाइन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि जबकि वैश्विक सेमीकंडक्टर डिजाइन कार्यबल में भारतीय लगभग 20 प्रतिशत हैं, भारत के लिए घरेलू ब्रांडों और बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक मजबूत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण के साथ-साथ मांग को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

भारत सेमीकंडक्टर मिशन के सीईओ सुशील पाल ने एफएसए को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में सीजी पावर के सहयोग और तत्परता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उच्च तकनीक विनिर्माण और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर यह परियोजना देश में तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी और एक कुशल, लचीली और टिकाऊ वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला स्थापित करने में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।

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