हिंडनबर्ग का दावा, स्विस अधिकारियों ने जब्त किए अडाणी समूह के 2600 करोड़, कंपनी ने दावे को गलत बताया

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नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्चर ने अडाणी समूह पर नया आरोप लगाया है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी ने दावा किया है कि कई स्विस बैंकों में जमा अडाणी समूह के करीब 31 करोड़ डॉलर (करीब 2600 करोड़ रुपये) को वहां के अधिकारियों ने फ्रीज कर दिया है। हिंडनबर्ग का दावा है कि यह कार्रवाई अडाणी के खिलाफ वहां चल रही मनी लॉन्ड्रिंग व जालसाजी के मामलों की जांच के तहत की गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह दावा किया। उधर अडाणी समूह ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार, अव्यावहारिक और हास्यास्पद हैं।

अमेरिकी कंपनी ने लिखा, स्विस अधिकारियों ने अडाणी समूह से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर जालसाजी के आरोपों की जांच के तहत छह स्विस बैंक खातों में जमा 31 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम फ्रीज कर दी है। हिंडनबर्ग ने इस दावे के पीछे हाल ही में जारी स्विस क्रिमिनल कोर्ट के रिकॉर्ड का हवाला दिया। स्विस मीडिया के हवाले से हिंडनबर्ग ने कहा, स्विस अभियोजकों ने बताया है कि कैसे अदाणी के एक सहयोगी ने बीवीआई/मॉरीशस और बरमूडा के संदिग्ध फंडों में निवेश किया था।

हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले साल से भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी के पीछे पड़ा है। 2023 की शुरुआत में उसने अडाणी समूह पर टैक्स हैवन देशों के जरिये बाजार नियमों को तोड़ने का आरोप लगाया था। इसके बाद अडाणी समूह के सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और समूह के प्रवर्तक गौतम अडाणी की निजी संपत्ति में भी बहुत कमी आ गई थी। हालांकि धीरे-धीरे समूह इस झटके से उबर गया। अडाणी समूह ने स्विक बैक खातों में कुछ फंड्स को फ्रीज किए जाने से जुड़ी खबरों को खारिज किया है और उन्हें बेबुनियाद बताया है। समूह ने साफ किया है कि उसके खिलाफ स्विस कोर्ट में कोई मामला नहीं है और न ही कंपनी के खातों को किसी भी अधिकारी द्वारा फ्रीज किया गया है।

अडाणी समूह ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार, अव्यावहारिक और हास्यास्पद हैं। यह आरोप समूह की छवि को नुकसाने पहुंचाने की एक और संगठित कोशिश है। बयान में कहा गया हम पूरी तरह से इन बेबुनियाद आरोपों को खारिज करते हैं। अडाणी समूह स्विस कोर्ट की किसी भी कार्रवाई में शामिल नहीं है और नहीं हमारी कंपनी के किसी खाते को किसी प्राधिकरण द्वारा फ्रीज किया गया है। स्विस कोर्ट ने आदेश में हमारे समूह की कंपनियों का कोई जिक्र नहीं किया है और न ही हमें किसी प्राधिकरण या नियामक संस्था से कोई स्पष्टीकरण या जानकारी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ है।

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