Sawan Special: शिव मंदिर की ध्वजा और ग्रहों में अनूठा संबंध
- Shiva Temple Flags : मंदिर का सर्वोच्च भाग ध्वजा आकाशीय ब्रह्मांड ऊर्जा का एक प्रकार का ऊर्जा का टॉवर होता है।
Sawan 2024 / shiva temple flags : श्रावण मास में भगवान शिव के दरबार तक पहुंचना और उनके दर्शन करने की लालसा सभी के मन में रहती है। यदि किसी कारणवश लोग मंदिर जाकर दर्शन नहीं कर पाते हैं, तो सिर्फ शिखर और ध्वजा के ही दर्शन करके कहते हैं कि शिखर दर्शनम…पाप नाशनम…, लेकिन किस्सा यहीं खत्म नहीं हो जाता, शिखर के साथ ध्वजा का व ग्रहों का अनूठा संबंध होता है, जो हमारे जीवन पर सीधे-सीधे प्रभाव डालता है।
इस संबंध में कृष्णा गुरुजी डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग, उज्जैन के अनुसार शास्त्रों में शिखर दर्शन, ध्वजा दर्शन को संपूर्ण दर्शन का फल प्राप्त होने वाला बताया गया है। संपूर्ण ऊर्जा का केंद्र जिस प्रकार मनुष्य का सहस्त्रधार चक्र होता है। उसी प्रकार मंदिर का सर्वोच्च भाग ध्वजा भी आकाशीय ब्रह्मांड ऊर्जा का एक प्रकार का ऊर्जा का टॉवर होता है।
अपने जन्म नक्षत्र का दिन जो श्रावण में आता है, उस दिन ध्वजा अपने नाम से लगवाकर पूजन में शामिल हों। विज्ञान कहता है ग्रह भी अलग-अलग पांच तत्वों से बने हैं, जिन पांच तत्वों से शरीर बना है। ज्योतिष तो पहले से कहता है, पर आज विज्ञान भी मानता है कि ग्रहों का प्रभाव पंच तत्वीय शरीर पर पड़ता है।
सदा बदलती रहती है ग्रहों की स्थिति :
जिस प्रकार ग्रहों की स्थिति हमेशा बदलती रहती है, उसी प्रकार इंसान का जीवन भी एक समान नहीं होता। इंसान या तो अपने या अपनों की शरीर पीड़ा के विकार से ग्रस्त रहता है, या किसी रिश्तों के अभाव या विवाद से या किसी अभाव से। इन सभी विकारों के लिए ग्रह एक हद तक जिम्मेदार होते हैं।
ध्वजारोहण से ग्रहों की मारक शक्ति कैसे कम करें?
अलग-अलग रिश्तों के नाम पर ध्वजा लगवाना भी एक ग्रह विज्ञान है। जानें कैसे…
1. सूर्य ग्रह – सूर्य पिता के समान है। जो हमारे लिए हड्डियों व हृदय का कारक है, पिता संबंधी स्वास्थ रिश्तों में सुधार के लिए स्वयं की पत्रिका में सूर्य पीडि़त हों, तब पिता के नाम से ध्वजा लगवाएं।
2. चंद्र ग्रह – यह माता का कारक है। फेफड़े संबंधी विकारों का चंद्र पत्रिका में चंद्र ग्रह पीडि़त होने पर अपनी माताजी के नाम से ध्वजा लगवाएं।
3. मंगल ग्रह – ये ग्रह भाई का कारक है। रक्त, क्रोध का कारक होता है। भाइयों के बीच विवाद, क्रोध अधिक हो, रक्त संबंधी विकार होने पर अपने भाई के नाम से ध्वजा लगवाएं।
4. बुध ग्रह – ये ग्रह शरीर में त्वचा ज्ञान का कारक होता है। आंत संबंधी विकार होने पर अपने मामा के नाम से ध्वजा लगवाएं।
5. गुरु ग्रह – ये ग्रह रिश्तों में पति का कारक होता है। आपका आध्यात्मिक गुरु भी इसमें आता है। इन संबंधी या गुरु पीडि़त होने पर अपने पति, बच्चे या आध्यात्मिक गुरु के नाम से ध्वजा लगवाएं।
6. शुक्र ग्रह – यह ग्रह पत्नी, महिला तत्व से जाना जाता है। यौन संबंधित विकार होने पर स्वयं की पत्रिका में शुक्र ग्रह पीडि़त होने पर पत्नी के नाम से या अपनी कुलदेवी के नाम से ध्वजा लगवाना हितकर होगा।
7. शनि ग्रह – बार-बार नौकरी संबंधित समस्या, कार्य में देरी, घुटनों में दर्द, साढ़े साती के वक्त कानूनी परेशानियां, अपने घर के सबसे पुराने नौकर के नाम से या घर के बुजुर्ग के नाम से ध्वजा लगवाएं।
8. राहु ग्रह – राहु ग्रह अटैचमेंट का कारक है। नशा, जुआ, शराब की लत राहु देव की पीड़ा होने की निशानी है। ये ग्रह आपके दादा जी, नानाजी का प्रतिनिधित्व करता, उनके नाम से ध्वजा लगवाएं।
9. केतु ग्रह– व्यवसाय, नौकरी में अस्थिरता, बीमारी, छुपा रोग होता है। नानाजी के नाम से ध्वजा लगवाएं।