भूस्खलन से ₹300 करोड़ का नुकसान @uttarakhand

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  • राज्य में लोक निर्माण विभाग का कुल सालाना बजट ₹1000 करोड़ के करीब

देवभूमि में मॉनसून की आपदा के चलते हर साल सड़कों के बजट का 30 प्रतिशत फीसदी हिस्सा बर्बाद हो रहा है। हर साल मानसून की वजह से सड़कों के बजट में सरकार को भारी नुकसान वहन करना पड़ता है।
इसी कारण से सड़कों का विकास प्रभावित होने के साथ ही बजट का सही उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। बता दें कि राज्य में लोक निर्माण विभाग का कुल सालाना बजट ₹1000 करोड़ के करीब है।

इसमें राज्य सेक्टर के साथ ही एनएच और केंद्रीय सड़क निधि का बजट भी शामिल हैं। सड़कों का निर्माण करने वाली विभिन्न एजेंसियां इस धनराशि को विभिन्न सड़कों के निर्माण पर खर्च करती है। लेकिन इसमें से करीब ₹300 से ₹350 करोड़ का कार्य हर साल आपदा की भेंट चढ़ जाता है।

इस साल हुआ ₹350 करोड़ का नुकसान
ज्ञात हो कि राज्य में मॉनसून के समय लेकर अभी तक सड़कों को कुल ₹350 करोड़ के करीब का नुकसान हो चुका है। बड़ी संख्या में सड़कों के खराब होने से अब तक उन्हें ठीक करने पर बजट की तकरीबन इतनी ही धनराशि खर्च होनी है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग को एक ही सड़क को बनाने में कई बार बजट खर्च करना पड़ रहा है।

केन्द्र से मिल रहा कम बजट
ज्ञात हो कि आपदा के दौरान सड़कों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए एसडीआरएफ व अन्य मदों में केंद्र व राज्य सरकार बजट का इंतजाम करती है। लेकिन बताया जाता है कि नुकसान की तुलना में यह राशि केन्द से बहुत कम मिल रही है। और इस बजट से नुकसान हुई सड़कों का निर्माण करना संभव नहीं है।

लोनिवि की एक रिपोर्ट के अनुसार आपदा में सड़कों को होने वाले नुकसान की तुलना में केन्द्र सरकार की ओर से करीब पचास फीसदी धनराशि ही मिल पाती है। जिसके चलते सड़कों के निर्माण कार्य पूरे नहीं हो पाते।

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