Dehradun: सीएम धामी ने चार धाम यात्रा, पेयजल, विद्युत आपूर्ति व वनाग्नि से रोकथाम प्रबंधन की समीक्षा
- अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के लिए दिये निर्देश
सचिवालय में प्रदेश में संचालित चार धाम यात्रा, पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति व्यवस्थाओं के साथ ही वनाग्नि की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रबंधन की मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को मुख्य सचिव सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं से जुडे अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाते हुए तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित बनाये जाने के प्रयास किये जाएं।
उन्होंने कहा कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिक व्यवस्था से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या निरन्तर बढ़ रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े सभी जनपद यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को पुनः निर्देश देते हुए कहा कि चारधाम यात्रा से सबंधित जो भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए।
चारधाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखे जाने के साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए। बिना रजिस्ट्रेशन के जो श्रद्धालु उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर प्रवेश कर चुके हैं, यदि वे चारों धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें वहां भेजे जाने के भी प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओ से उनका फीडबैक भी लें जिससे यह पता चले कि श्रद्धालुओ को यात्रा के दौरान कोई समस्याएं तो नहीं आ रही हैं ताकि समय रहते छोटी कमियों को भी दूर किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। चारधाम यात्रा में ग्रीष्मकाल में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए जिससे श्रद्धालुओ को पेयजल की समस्या न हो।
पेयजल से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर पेयजल व्यवस्थाओं को देखेंए उनका निरीक्षण करें जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से पेयजल की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाय। इसके लिए तीनों निगम यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। राज्य में विद्युत की मांग के अनुसार ही आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये है। मुख्यमंत्री ने वनाग्नि को रोकने के लिये लोगों को जागरूक रहने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिये सचिवों को अलग अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं उनका स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम भी उठायें। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लोग दोषी पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय। इस बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।