कथि‍त शराब नीति मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने दी शर्तों पर जमानत

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नई दिल्‍ली. दिल्ली शराब नीति मामले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइयां दोनों ने अलग-अलग फैसले लिखे, लेकिन दोनों ने ही जमानत मंजूर कर दी. जमानत पर दोनों जजों ने सहमति जताई लेकिन सीबीआई की गिरफ्तारी पर दोनों जजों की राय अलग-अलग रही. जस्टिस सूर्यकांत ने केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी को वैध ठहराया जबकि जस्टिस भुइयां ने गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सीबीआई एक प्राथमिक जांच एजेंसी है, ऐसा कोई संकेत नहीं जाना चाहिए कि जांच ठीक से नहीं की गई.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के केस में केजरीवाल को ये जमानत दी है. केजरीवाल को 10 लाख के बॉन्ड पर जमानत मिली है. साथ ही वो केस की मेरिट्स पर कोई कमेंट नहीं कर सकेंगे. केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं. पहली जमानत याचिका को लेकर थी और दूसरी सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी और रिमांड के विरोध में थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका स्वीकारते हुए जमानत तो दे दी लेकिन दूसरी याचिका को अस्वीकार करते हुए सीबीआई की गिरफ्तारी को अवैध नहीं ठहराया. हालांकि, जस्टिस भुइयां ने इसे लेकर एक बड़ी टिप्पणी कर दी. जस्टिस भुइयां ने ये कहा दिया कि सीबीआई को पिंजरे के तोते की छवि से मुक्त होना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट की जमानत की शर्तें

अरविंद केजरीवाल पर ईडी मामले में मिली अंतरिम जमानत पर लागू शर्तें सीबीआई मामले में भी लागू रहेंगी. वह कोई भी फाइल साइन नहीं कर पाएंगे. जमानत अवधि के दौरान शराब नीति मामले में टिप्पणियां नहीं करेंगे. उन्हें जमानत में पूरा सहयोग करना होगा. वह बतौर सीएम दफ्तर नहीं जा सकते हैं. इसके साथ ही वह किसी भी फाइल पर साइन नहीं कर पाएंगे. केजरीवाल मुख्यमंत्री दफ्तर और सचिवालय नहीं जा सकेंगे. वह किसी भी गवाह से कोई भी बातचीत नहीं करेंगे. जरूरत पड़ने पर उनको ट्रायल कोर्ट में पेश भी होना होगा और पूरा सहयोग देना होगा.

जेल से बाहर आएंगे केजरीवाल

ईडी के केस में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है जबकि यह मामला CBI की ओर से की गई गिरफ्तारी और रेगुलर बेल से जुड़ा था. ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी. वहीं, अब सीबीआई केस में भी सर्वोच्च न्यायालय से केजरीवाल को जमानत दे दी है. ऐसे में अब उनका जेल से बाहर आना तय हो गया है. अरविंद केजरीवाल के वकील रिषिकेश ने बताया है कि शाम 5 बजे तक जेल से बाहर हो जाएंगे. ईडी केस में अंतरिम जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था.सुप्रीम कोर्ट पांच सितंबर को केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला 5 सितंबर को सुरक्षित रखा था. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

वकील सिंघवी ने कई दलीलें पेश की

पिछली सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें पेश की थीं. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल को तत्काल रेगुलर जमानत मिलनी चाहिए. जानबूझकर उनकी गिरफ्तारी की गई. वह कहीं भाग नहीं रहे हैं. वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. सीबीआई की FIR में उनका नाम तक नहीं है. बाद में एफआईआर में उनका नाम जोड़ा गया. उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोक गया. सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी उचित नहीं है. सिंघवी ने ये भी कहा था कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ईडी और सीबीआई मामले में भी लागू होगा. केजरीवाल के मामले में भी लागू होगा. केजरीवाल को जेल में रखने के लिए अरेस्ट किया गया. केजरीवाल के खिलाफ कोई नया सबूत नहीं. सीबीआई ने 2 साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया. सिर्फ एक गवाही का आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी हुई. पीएमएलए केस में केजरीवाल की दो बार रिहाई हुई. नॉन अरेस्ट को गिरफ्तारी के मामले में बदल दिया गया. दोबारा गिरफ्तारी से पहले नोटिस नहीं दिया गया.

सीबीआई ने ये दलीलें दीं

एएसजी ने कहा कि केजरीवाल शराब घोटाले में मुख्य आरोपी हैं. उनके खिलाफ सबूत हैं. सिसोदिया, कविता, सभी ट्रायल कोर्ट से गुजरे. केजरीवाल सांप-सीढ़ी का खेल खेल रहे. सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सही नहीं है. किसी भी संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है. जांच के आधार पर मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी की मंजूरी दी. सीबीआई की अर्जी को राउज एवेन्यू कोर्ट से अनुमति मिली थी. कोर्ट की अनुमति के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी.

क्‍या है अरविंद केजरीवाल का मामला

यह मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है. इस नीति को बाद में निरस्त कर दिया गया था. ईडी ने आबकारी नीति स्कैम के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक अलग मामला दर्ज किया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार के मुताबिक दिल्ली शराब नीति में संशोधन करके अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी.

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