Uttarakhand : 1.5 करोड़ तक सब्सिडी पर्यटन में निवेश पर मिलेगी, उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024 को कैबिनेट की मंजूरी

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देवभूमि उत्तराखंड की धामी कैबिनेट ने ‘उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024’ को मंजूरी दी है। इसके तहत उत्तराखंड में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने पर 80 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। योजना में जहां स्टांप ड्यूटी शतप्रतिशत माफ किए जाने का प्रावधान किया गया है, वहीं सालाना ब्याज पर भी छह लाख तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी।

दरअसल सचिवालय में हुई कैबिनट बैठक में 32 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उत्तराखंड में पहले पर्यटन सेक्टर में निवेश करने वाले उद्यमियों और कारोबारियों को उद्योग नीति के तहत सब्सिडी मिलती थी। 2023 में इस पर रोक लगा दी गई। ऐसे में पर्यटन सेक्टर में निवेश करने वालों को सिर्फ वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तय प्रावधानों का ही लाभ मिल रहा था, लेकिन इसमें अधिकतम 33 लाख रुपये तक ही सब्सिडी निवेशकों को मिलती थी। सूत्रों के अनुसार, अब नई योजना में छोटे और मध्यम स्तर के निवेशकों को अधिक लाभ मिलेगा। खासकर पांच करोड़ से कम निवेश वालों को नई नीति से फायदा होगा।

सब्सिडी के लिए तीन श्रेणियां पर्यटन में सब्सिडी का लाभ के लिए प्रदेश को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सीमांत जिलों में 33 लाख के साथ ही अतिरिक्त रूप से 30 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इसमें अधिकतम सब्सिडी डेढ़ करोड़ तक मिलेगी। दूसरी श्रेणी में सीमांत जिलों को छोड़कर बाकी पहाड़ी जिलों में 33 लाख और अतिरिक्त रूप से 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इसमें एक से सवा करोड़ तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा। तीसरी श्रेणी में मैदानी जिले आएंगे। यहां सब्सिडी 33 लाख और अतिरिक्त रूप से 15 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में 80 लाख के करीब सब्सिडी मिलेगी। स्टांप ड्यूटी शत प्रतिशत माफरहेगी।

आवेदन मंजूरी को समिति पर्यटन में निवेश करने वालों के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल बनाने को सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन स्वीकृति को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा।

70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार की शर्त
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि इस योजना में पर्यटन विकास के साथ-साथ स्थायीय निवासियों के लिए रोजगार भी बढ़ेगा। योजना का लाभ उठाने वाले उद्यमियों को प्रदेश के स्थायी निवासियों को न्यूनतम 70 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक होगा। ये योजना 31 मार्च 2030 तक प्रभावी रहेगी।की गई है। इसके साथ ही ब्याज अनुदान तीन प्रतिशत अधिकतम के रूप में चार से छह लाख रुपय्ये प्रतिवर्ष तक मिलेगा।

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