Karnataka : HC ने MUDA मामले में CM सिद्धारमैया की पत्नी के खिलाफ जारी ED के समन को किया रद्द

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बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) की पत्नी बीएम पार्वती (Wife BM Parvati) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate (ED) द्वारा जारी समन को रद्द कर दिया। यह समन मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) घोटाले से जुड़ा था। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल-न्यायाधीश पीठ ने न सिर्फ पार्वती बल्कि राज्य के मंत्री बैरथी सुरेश के खिलाफ भी जारी समन को खारिज कर दिया। सुरेश को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था, हालांकि वह इस मामले में आरोपी नहीं थे।

ससे पहले 27 जनवरी को हाईकोर्ट ने ईडी के समन पर अस्थायी रोक लगा दी थी, जब पार्वती और सुरेश ने एजेंसी के नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की थी। ईडी ने दावा किया था कि पार्वती इस घोटाले में शामिल दूसरी आरोपी हैं और उन्हें कथित रूप से अपराध से मिले पैसे का लाभ मिला था। वहीं, लोकायुक्त पुलिस और विशेष जांच दल (एसआईटी) पहले से ही इस मामले की जांच कर रहे थे, इसलिए ईडी की अलग से जांच को समानांतर जांच बताया गया था।

MUDA घोटाले के आरोपों में कहा गया था कि सीएम की पत्नी पार्वती को उनके भाई स्वामी ने एक भूखंड गिफ्ट किया था, जो पहले सरकारी जमीन थी लेकिन बाद में इसे डिनोटीफाई करके स्वामी ने खरीद लिया। जब यह जमीन निजी स्वामित्व में आई, तो इसे MUDA द्वारा अवैध रूप से विकसित कर दिया गया। पार्वती ने MUDA से मुआवजे की मांग की और 50:50 योजना के तहत उन्हें 14 विकसित भूखंड मिले, जिनकी कीमत मूल तीन एकड़ जमीन से कहीं अधिक थी। हालांकि, लोकायुक्त पुलिस ने पहले ही इस मामले में सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी थी।

हाईकोर्ट के इस फैसले को सिद्धारमैया के परिवार और मंत्री बैरथी सुरेश के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इस फैसले के बाद अब ईडी द्वारा इस मामले में आगे की पूछताछ की संभावना लगभग खत्म हो गई है। वहीं, यह फैसला इस बहस को भी जन्म देता है कि क्या ईडी को बिना किसी ठोस आधार के गैर-आरोपियों को भी समन जारी करने का अधिकार है।

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