भाजपा ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के पक्ष में जनभावना तैयार करने के लिए शुरू किया अभियान

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नई दिल्ली। संसद की संयुक्त समिति (Joint Committee of Parliament) की ओर से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (‘One nation, one election’.) पर 2 विधेयकों की जांच जारी है। इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) ने एक साथ चुनाव कराने को लेकर देश भर अभियान शुरू कर किया है जिसका मकसद इसके पक्ष में जनभावना तैयार करना है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Minister Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में दिल्ली में भाजपा नेताओं की बीते महीने बैठक हुई थी, जहां पार्टी के जनसंपर्क कार्यक्रम पर चर्चा हुई। यह तय किया गया कि विभिन्न सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, शिक्षाविदों, वकीलों और व्यापारिक समूहों से बातचीत की जाएगी। संवाद कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें भाषण देने के लिए बीजेपी नेताओं को भेजा जाएगा। इतना ही नहीं, आम लोगों से इस पर अपनी राय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजने की अपील की जाएगी।

आखिर भाजपा के इस राष्ट्रव्यापी अभियान का और क्या उद्देश्य है? इसके जवाब में बीजेपी के सीनियर नेता ने कहा, ‘हमारे पास केंद्र और कई राज्यों में बहुमत है। ऐसे में विधेयक को मंजूरी दिलाने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। मगर, हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।’ विधेयकों की जांच के लिए शीतकालीन सत्र के दौरान उन्हें संयुक्त संसदीय पैनल को भेजा गया था, जिसकी तीसरी बैठक 25 फरवरी को होनी है। राष्ट्रीय स्तर पर इस अभियान के देखरेख की जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल और राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ को सौंपी गई है।

‘बैठक में दूर कर रहे लोगों के संशय’
बिहार और मेघालय के पूर्व राज्यपाल फागू चौहान के नेतृत्व में पार्टी नेताओं की टीम बनाई गई है जिसके साथ धनखड़ की मीटिंग होने वाली है। एमएलसी और भाजपा के राज्य महासचिव अनूप गुप्ता यूपी टीम के सह-संयोजक हैं। उन्होंने कहा, ‘विभिन्न सामाजिक संगठनों और लोगों से बातचीत जारी है। उनकी राय जानी जा रही है और उनके संशय दूर किए जा रहे हैं। हमारी ओर से कहा गया है कि अपनी राय राष्ट्रपति तक लिखित रूप में पहुंचाई जाए, चाहे वो पक्ष में हो या फिर विपक्ष में।’ इस कड़ी में कानपुर में व्यापारिक बिरादरी के साथ संवाद कार्यक्र होगा। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में शिक्षाविदों और छात्रों के साथ इसी तरह की बैठकें होंगी। इस तरह लगातार संवाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा।

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