Mahakumbh 2025: आज से महाकुंभ प्रारंभ, जानें महाकुंभ में स्नान की तिथियां
- जानिए पुण्य फल प्राप्त करने की विधि
Mahakumbh 2025: विश्व का सबसे बड़ा और भव्य मेला महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है। श्रद्धालुओं का जुटान शुरु हो चुका है। शाही स्नान करने के लिए भक्त लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, जो अब पूरा होने जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ को सनातन धर्म में अद्वितीय महत्व प्राप्त है। इसे मोक्षदायिनी मान्यता दी गई है। जहां करोडों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान और पूजा-अर्चना कर अपने पापों से मुक्ति पाने का प्रयास करते हैं। यहां जानिए महाकुंभ 2025 में स्नान की तिथियां…
इसके बाद तीरसा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन होगा।
महाकुंभ में 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के त्योहार पर चौथा पवित्र स्नान किया जाएगा।
पुण्य लाभ प्राप्त करने की विधि (method of obtaining virtuous benefits)
संगम स्नान: सबसे पहले श्रद्धालुओं को ब्रह्म मुहूर्त में प्रयागराज के संगम तट पर स्नान करना चाहिए। इसे अमृत स्नान भी कहा जाता है। स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर प्रार्थना करें।
योग और ध्यान: कुंभ मेले में योग शिविरों में भाग लें। ध्यान और साधना से मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है।
महाकुंभ का महत्व (Importance of Mahakumbh)
महाकुंभ का धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है। मान्यता है कि इस दौरान संगम में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। संगम वह स्थान है जहां गंगा, यमुना, और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से, कुंभ मेला तब आयोजित होता है जब सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति विशिष्ट राशि में होते हैं।