नौसेना को मिली स्कार्पीन श्रेणी की छठी पनडुब्बी ‘ वाग्शीर ‘

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  • समुद्र में सतह के ऊपर व नीचे दुश्मन को ध्वस्त करने में सक्षम

  • ‘आइएनएस वाग्शीर’ के रूप में नौसेना में जल्द होगी शामिल

देश की समुद्री सीमाओं की चौकसी मजबूत करने के लिए भारतीय नौसना के बेड़े को जल्द ही स्कार्पीन श्रेणी की नई पनडुब्बी वाग्शीर’ की रणनीतिक ताकत मिलेगी। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह नौसेना को सौंप दी गई। नौसेना अब अपने प्रायोगिक परीक्षणों के बाद इसे “आइएनएस वाग्शीर’ नाम से अपने बेड़े में जल्द शामिल करेगी। गहरे समुद्र में अपनी स्थिरता-मजबूती के साथ आधुनिक हथियारों का संचालन करते हुए पनडुब्बी दुश्मन पर धावा बोल उसे पूरी तरह ध्वस्त करने में पूर्ण सक्षम है।

नौसेना के समुद्री बेड़े में इजाफा करने के लिए जहाज-पनडुब्बी निर्माण की चल रही परियोजना पी-75 के तहत निर्मित छठी स्कार्पीन पनडुब्बी वाग्शीर को मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने औपचारिक रूप से नौसेना को सौंपा। इस मौके पर एमडीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव सिंघल तथा नौसेना की पश्चिमी कमान के कमांडिंग आफिसर रियर एडमिरल आर अधीश्रीनिवासन की मौजूदगी में दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने आदान-प्रदान संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। वाग्शीर को अप्रैल 2022 में लांच किया गया और इसे एक वर्ष से अधिक समय तक व्यापक कड़े परीक्षणों से गुजरना पड़ा है। ताकि नौसेना को पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार हर परिस्थिति में संचालन योग्य पनडुब्बी सौंपी जा सके। वाग्शीर हिंद महासागर में पाए. जाने वाली एक मछली है, जो निडरता के साथ हमला करती है।

वाग्शीर में अत्याधुनिक तकनीक ने बेहतरीन स्टील्थ विशेषताओं जैसे उन्नत ध्वनिक अवशोषण तकनीक, कम विकिरण शोर स्तर, हाइड्रो-डायनामिक अनुकूलित आकार और सटीक निर्देशित हथियारों का उपयोग करके दुश्मन पर भयावह हमला करने की क्षमता सुनिश्चित की है। पानी के नीचे या सतह पर दोनों टारपीडो और ट्यूब लांच की गई एंटी-शिप मिसाइलों के साथ हमला किया जा सकता है। यह शक्तिशाली प्लेटफार्म और स्टील्थ विशेषताओं अन्य पनडुब्बियों के मुकाबले न केवल बेजोड़ है बल्कि गहरे समुद्र में भी इसे अजेयता प्रदान करने में सक्षम है। पी-75 के तहत निर्मित पांच पनडुब्बियों से यह इस लिहाज से अलग है कि इसमें मुख्य बैटरियों और कू-बैंड सैटकाम (रुक्मिणी) के अलावा स्वदेश में विकसित एयर कंडीशनिंग प्लांट और आंतरिक संचार एवं प्रसारण प्रणाली भी लगी है। नौसेना को वाग्शीर सौंपे जाने के मौके पर एमडीएल के अध्यक्ष ने कहा कि इसके जरिये भारत ने पनडुब्बी निर्माण राष्ट्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

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