EVM हैक करने का दावा करने वाले पर आयोग ने दर्ज कराया केस
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हैकिंग से सीटें जिताने का किया था दावा 4 महाराष्ट्र के सीईओ ने कराया मुकदमा
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैक करने का दावा करने वाले सैयद शुजा नाम के शख्स पर महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने मुकदमा दर्ज कराया है। दक्षिण मुंबई स्थित साइबर पुलिस थाने में शुजा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सीईओ ने शुजा के वायरल वीडियो में गलत, निराधार और तथ्यहीन दावे करने का आरोप लगाया है।
सीईओ ने यह कार्रवाई कुछ सोशल मीडिया खातों पर शुजा का वीडियो साझा किए जाने के बाद की। वीडियो में शुजा दावा करता दिख रहा है कि चह महाराष्ट्र चुनाव के दौरान ईवीएम की फ़िक्वेंसी बदलकर उसे हैक कर सकता है। महाराष्ट्र सीईओ ने सोशल मीडिया पर बताया, शुजा पर पहले भी फर्जी दानें में केस दर्ज हुआ था। यह कहीं विदेश में छिपा है। सूत्रों ने बताया, शुजा की ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, दिल्ली व मुंबई पुलिस की टीमें इसको सहो पहचान जुटाने और ईवीएम की छवि खराब करने वाली गतिविधियों में इसका साथ देने वालों को शिकंजे में लेने में सक्रिय रूप से जुटी हैं। आयोग ने कहा, ऐसे आरोप लगाना गंभीर मामला है। इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा!
केस: 2019 में भी दर्ज हुआ था
शुजा पर यह पहला मुकदमा नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उसने ऐसे आरोप लगाए थे। तब चुनाव आयोग के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने शुजा के खिलाफ केस दर्ज किया था। शुजा का दाबा था, वह 2009 से 2014 तक इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. से जुड़ा था। 2014 के आम चुनाव में उपयोग की गई ईवीएम बनाने वाली टीम में था। उसने कहा था, ईबीएम की फ्रीक्वेंसी बदलकर छेड़छाड़ संभव है।
वीडियो में शुजा का दावा था, 52 करोड़ में दिला सकता हूं विधानसभा की 63 सीटें
महाराष्ट्र चुनाव के दौरान एक खबरनवीस ने महाविकास आघाड़ी के सांसद का सहायक बनकर शुजा से संपर्क किया और उससे ईवीएम हैक करने का अनुरोध किया था। खुद को अमेरिकी रक्षा विभाग का पूर्व कर्मचारी बताने वाले शुजा ने 102 सोटों में से 63 की ईवीएम हैक कर जीत दिलाने का ऑफर दिया और 52 करोड़ रुपये फीस बताई। उसने यहां तक दावा किया कि 288 सीटों में से 281 सीटों के ईबीएम तक उसकी पहुंच है। शुजा ने रिपोर्टर से कहा, यदि वह वीबीपैट की सहो जानकारी मुहैया करा दे, तो वह ईवीएम हैक कर लेगा। हालांकि मीडिया समूह ने स्टिंग ऑपरेशन में ही दावे फर्जी करार दे दिए थे।
अदालतें 42 बार खारिज कर चुकी हैं दावे
सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट 42 बार ईवीएम को कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली याचिकाएं खारिज कर चुके हैं। अदालतों ने माना है कि मशीनें भरोसेमंद और छेड़छाड़-रोधी हैं।