एच-1बी वीजा: अमेरिका फर्स्ट को मूल मंत्र बताने वाले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के रुख में बड़ा बदलाव
- ट्रंप बोले, मैं तो हमेशा से समर्थक, वीजा विवाद पर मस्क को मिला ट्रंप का साथ
वाशिंगटन। मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (एमएजीए) पहल के समर्थकों और अरबपति कारोबारी एलन मस्क में छिड़ी बहस के बीच नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि एच-1बी वीजा कार्यक्रम बेहद शानदार है और वह हमेशा से इसके पक्ष में रहे हैं। एच-1बी वीजा के लिए किसी भी हद तक जाकर लड़ने का एलान कर चुके मस्क का समर्थन ट्रंप के पुराने में रुख में बड़े बदलाव का संकेत है, जो अमेरिका फर्स्ट को अपना मूल मंत्र बताते रहे हैं।
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने अखबार को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं। हम इसका समर्थन करते हैं, इसीलिए ये हमारे पास हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह एच-1जी वीजा में काफी विश्वास करते हैं और खुद अपनी कंपनियों में एच-1बी वीजा धारकों को सेवाएं लेते रहे हैं।
ट्रंप की टिप्पणी दर्शाते है कि वह विदेशी तकनीकी कर्मचारियों के लिए अमेरिका के दरवाजे खोलने वाले इस कार्यक्रम का पूरा समर्थन करते हैं, भले ही उनके कुछ समर्थक इसका विरोध कर रहे हों। गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल के दौरान ट्रंप
प्रशासन ने दुरुपयोग और आर्थिक चिंताओं का हवाला देते हुए एच-1बी वीजा पर प्रतिबंध लगाए थे। उन्होंने 2016 में इस कार्यक्रम की कड़ी निंदा की थी और इसे अमेरिकियों के हितों के खिलाफ बताया था। बहरहाल, ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है कि जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के दक्षता मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के लिए चुने गए मस्क और भारतीय-अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने एच-1बी बीजा कार्यक्रम का समर्थन किया था। मस्क ने तर्क दिया था कि उनकी स्पेसएक्स और टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए विदेशी पेशेवरों की जरूरत है।
भारतीयों के लिए बेहद अहम है यह कार्यक्रम
एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी जीजा है,जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति मिलती है, जिनमें व्यावसायिक या प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है। वित्त वर्ष 2023 में एच-1बी वीजा पाने वालों में 72 प्रतिशत भारतीय श्रमिक शामिल थे। यह मुद्दा भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में खासा असर रखता है।