चुनाव में हार चुकी महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा का विवादित बयान ‘हिंदुत्व एक बीमारी…’, देश में मचा बवाल

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  • जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में इल्तिजा मुफ्ती दो सीटों पर चुनाव मे हार का सामना करना पड़ा था

Iltija Mufti: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर चुनाव लड़कर हार चुकी पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने विवादित बयान देकर देशभर में बवाल मचा दिया है। इल्तिजा मुफ्ती ने ‘हिंदुत्व’ का उल्लेख करते हुए अपमानजनक टिप्पणी की है। अब उनके इस बयान पर सियासत तेज हो गई है।

‘हिंदुत्व एक बीमारी, भगवान के नाम को कलंकित किया’

इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, यह सब देखकर भगवान राम भी बेबसी और शर्म से सिर झुका लेंगे कि उनके नाम का इस्तेमाल करके नाबालिग मुस्लिम बच्चों को सिर्फ इसलिए चप्पल से पिटाई हो रही है। क्योंकि उन्होंने राम का नाम लेने से मना कर दिया था। उन्होंने आगे लिखा, ‘हिंदुत्व’ एक बीमारी है, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है और भगवान के नाम को कलंकित किया है।

वीडियो: शिरीन खान के नाम के यूजर ने शेयर किया

आपको बता दें कि शिरीन खान नाम के एक यूजर ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया था। इसके कैप्शन में लिखा, मुस्लिम नाबालिग लड़कों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया। उन्हें ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया गया। इन अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में एक लड़का चप्पलों से नाबालिग बच्चों को पीट करता हुआ दिख रहा है। रोते हुए बच्चे जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के रतलाम जिले का है। हालांकि इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि हमारी तरफ से नहीं की जा रही है। यह भी पता नहीं ​है कि इस वीडियो कब का है।

हिंदुत्व के खिलाफ स्टालिन भी दे चुका है विवादित बयान

आपको बता दें कि इससे पहले तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी हिंदुत्व के खिलाफ बयान देकर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। बीते साल चेन्नई में एक सम्मेलन मेंउन्होंने कहा था, “जिस तरह डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोनावायरस को खत्म करने की जरूरत है, उसी तरह हमें सनातन को भी खत्म करना होगा। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म किया जाना चाहिए। उनके इस विवादित बयान का देशभर में विरोध किया गया था।

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