Ayurveda Medicine: अब कक्षा दसवीं के बाद भी मिलेगा आयुर्वेद में दाखिला

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  • नया सात वर्षीय पाठयक्रम 2025 से होगा लागू


भोपाल। आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अब कक्षा 12वीं पास करने को आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि कक्षा 10वों उत्तीर्ण छात्र भी बीएएमएस में प्रवेश ले सकेंगे। इस नए सात वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को विशेष आयुर्वेद गुरुकुलम संस्थानों में दाखिला मिलेगा, जो 2025 से शुरू होने जा रहा है।

आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातक (बीएएमएस) में प्रवेश के नियमों में बदलाव करते हुए अब कक्षा 12वीं की अनिवार्यता को हटा दिया गया है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग नीट यूजी परीक्षा आयोजित की जाएगी। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 2025-26 सत्र से इस नए सात वर्षीय बीएएमएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।

हर राज्य में एक या दो विशेष संस्थान, जिन्हें आयुर्वेद गुरुकुलम के नाम से जाना जाएगा, इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई करवाएंगे। मौजूदा आयुर्वेद संस्थानों को आयुर्वेद गुरुकुलम में बदलने की अनुमति नहीं होगी, और न ही इन गुरुकुलम को किसी अन्य संस्थान में परिवर्तित किया जा सकेगा। साढ़े सात वर्ष के इस पाठ्यक्रम में शुरुआती दो वर्षों को प्री-आयुर्वेद के लिए समर्पित किया जाएगा।

इस दौरान छात्रों को संस्कृत, आयुर्वेद का परिचय और अन्य आवश्यक विषय पढ़ाए जाएंगे, जो वर्तमान में 11वीं-12वीं कक्षा के बायो ग्रुप के छात्र नहीं पढ़ते। इसके बाद, साढ़े चार वर्ष का मुख्य बीएएमएस कार्यक्रम होगा, जिसके अंतर्गत एक वर्ष की अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप शामिल है।

इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा 15 वर्ष रखो गई है। आयुर्वेद गुरुकुलम में छात्रों को संस्थान परिसर में रहकर ही अध्ययन करना होगा, और इनके लिए अलग से अस्पताल की व्यवस्था भी होगी। शिक्षण सत्र हर साल अक्टूबर में शुरू होगा।

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