लारेंस बिश्नोई कौन है? और अपराध की काली दुनिया में कैसे फैला इसका साम्राज्य
- चंडीगढ़ से अपराध में उतरा और भारत से कनाडा-अमेरिका तक फैला दी दहशत
चंडीगढ़ में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान खेलों से लगाव की चाह में लॉरेंस बिश्नोई रोजाना प्रैक्टिस के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी जाया करता था। यहां उसको मुलाकात लेखप्रीत व रोमी से हुई। संदीप उर्फ काला जठेड़ी समेत कई गैंगस्टरों का करीबी लेखप्रीत इस समय कनाडा में है। सप्ताह के आखिर में दोस्तों का यह गैंग अक्सर यूनिवर्सिटी में होने बाले कार्यक्रम देखने जाते। यहाँ लॉरंस की दोस्ती कानून की पढ़ाई कर रहे कुछ दोस्तों से हुई। वर्ष 2007 में लॉसस्ंस ने भी लॉ की पढ़ाई के लिए एडमिशन ले लिया। यहां संपत नेहरा से उसका याराना हो गया। इन्हीं दोस्तों ने मिलकर स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी यानी एसओपीयू नाम से एक ग्रुप बनाया और कॉलेज चुनाव में उतर गए। प्रचार के दौरान विरोधी गुट से झगड़ा हुआ तो लॉरेंस ने फायरिंग कर दी। यह पहला नामजद केस था, जिससे लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में एंट्री ली।
कुछ खास बातें
: पंजाब के फाजिल्का की अबोहर तहसील के गांव दूतारवली के लोरेंस बिश्नोई का सपना धावक बनने का था, मगर कॉलेज की राजनीति और अपराधियों की संगत में जरायम की काली दुनिया का ऐसा नाम बन गया, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है।
: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के पीछे भी लॉरेंस गेंग का हाथ होने का आरोप है।
: पंजाब से लेकर दिल्ली, यूपी, हरियाणा और महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि कताडा और अमेरिका तक फैली जुर्म की दुनिया में 80 से ज्यादा गैंगस्टर और करीब 700 से ज्यादा शूटरों का उसका संगठित गैंग है।
: हाल में लॉरेंस गैंग ने मुंबई में एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिदृदीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी उसी पर आरोप है।
चलिए जानते हैं चंडीगढ़ से अपराध जगत में लॉरेंस की एंट्री और दिल्ली से उसके बढ़ते काले साम्राज्य की कहानी…
लॉरेंस जब-जब अलग-अलग जेलों में रहा, आपराधिक कुनबा बढ़ता गया
गैंगस्टर और अपराधियों से दोस्तो के साथ जल्द नाम व पैसा कमाने की चाहत लिए नए-नवेले बदमाशों को शामिल कर लॉरेंस ने खतरनाक गिरोह की नींव रखी। इनमें कई गिरोह तो अब भी लॉरेंस के साथ हैं। उसके एक मामा सेशन कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस हैं, जबकि दूसरे देश के खफिया विभाग से सेवानिवृत्त हैं।
लॉरिंस के विदेश में बैठे साथी
: कनाडा-गोल्डी बराड़, लेखप्रीत (फरीदकोट ), सत्यवीर सन (अबोहर)
: अमेरिका-घरमान कहलोन ( कैलिफोर्निया), गुरप्यार जागापुराना, वीरेंदर (कैलिफोर्निया), अनमोल विश्नोई (लारेंस का छोटा भाई ), अमनदीप मुल्तानो
: इंग्लेंड-राजा उर्फ मोटी
: थाईलैंड-मनीष भंडारी
: पुर्तगाल-लखा कुरुक्षेत्र
आतंकी लिंक : कई बड़े गेंग भी लॉरेंस के साथ
सुखविंदर ग्रुप, जग्गू भगवानपुरिया, राजस्थान का आनंदपाल गैंग, यूपी का बृजेश सिंह, धनंजय सिंह, बिहार का अनंत सिंह, राजन तिकारी, हरियाणा का काला जठेड़ी, गोगी गैंग और दिल्ली का हाशिम बाबा गैंग, यहां तक की पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान समर्थक आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा से लॉरंस का लिंक कई बार सामने आया है। कहा जाता है कि पाकिस्तान में रह रहा आतंकी हरविंदर भी इसी के शूटरों की मदद लेता है।
इन गैंग से है दुश्मनी
देवेंद्र, जयपाल भुल्लर, कौशल चौधरी, शेरा कुर्बन,नीरज बवाना।
दिल्ली पुलिस की नकेल : तो यहीं बढ़ा सबसे ज्यादा कुनबा
लॉरेंस पर दिल्ली पुलिस ने ही नकेल डाली थी। तिहाड़ और मंडो में उस पर उसके साथियों के खिलाफ मकोका लगाया गया। हालांकि यह बात अलग है कि उसका आपराधिक कुनबा दिल्ली की जेलों में ही सबसे ज्यादा बढ़ा।
: दिल्ली की जेलों उसके गिरोह के साथ सबसे ज्यादा 40 से ज्यादा गैंगस्टर जुड़े। दिल्ली पुलिस नादिरशाह हत्याकांड समेत दिल्ली में कई रंगदारी मांगने के मामले में पूछताछ करना चहाती है।
: इस समय लारेंस गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। सरकार ने उस पर एक साल तक साबरमती जेल से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
कनाडा व अमेरिका में बनाई म्यूजिक कंपनी
लॉरेंस का गुर्गा गोल्डी बराड़ कनाडा व अमेरिका में म्यूजिक और इवेंट कंपनी चला रहा है। इसके लिए समारोह में
पंजाब के कई नामी गायकों को बुलाया गया था। गोल्डी बराड़ एक गाने के बदले में इनको 20 लाख तक का पेमेंट करता है। पंजाब के कई नामचीन गायक गोल्डी बरड़ के संपर्क में हैं। सिद्धू मूसेचाला की हत्या, गिष्पी ग्रेवाल व एपी ढिल्लों के घर पर फायरिंग में इसका हाथ है।
गिरोह: पूरे उत्तर भारत में फैला है
एनआईए के अनुसार लॉरेंस का गिरोह पहले पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन अपने करीबी सहयोगी गोल्डी बरार की मदद से लेंस ने एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया। अब यह गिरोह पंजाब, उत्तर प्रदेश,हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड सहित पूरे उत्तर भारत में फैल चुका है। बाबा सिद्दीकी को गोली मारने के मामले में पकड़े गए दो शूटर यूपी के ही हैं।
आतंकी हरविंदर भी इसी के शूटरों की मदद लेता है
एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान स्थित खालिस्तान समर्थक आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा पंजाब में हत्याओं व अपराधों को अंजाम देने के लिए लॉरेंस के शूटरों का ही इस्तेमाल करता है।
हरियाणा के गिरोह जुड़ते गए…बढ़ता गया दबदबा
काला जठेड़ी, राजू बसोंदी और अक्षय पलड़ा गैंग का नाम लॉरेंस से जुड़ा मूसेवाला की हत्या में दो शूटर यहीं से पकड़े गए
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क हरियाणा में भी फैला हुआ है। उसके कई साथी सोनीपत के हैं। इनमें तोन गैंगस्टर काला जठेड़ी, राजू बसौदी और अक्षय पलड़ा का नाम सबसे ऊपर है। पंजाब के सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी सोनीपत के प्रियत्नत फौजी व सेरसा के अंकित का नाम जुड़ा था। पिछले साल सोनीपत में बंबीहा गैंग के गैंगस्टर दीपक मान की हत्या में भी जेल में बंद मोनू डागर का नाम आया था।
लॉसेंस गैंग से जुड़ा अक्षय तो परिवार में झगड़े के बाद 15 वर्ष की उम्र में ही अपराध जगत में उतर गया था। पांच साल पहले पंजाब में अक्षय गिरफ्तार हुआ, तो पुलिस भी उसके कारनामे सुनकर अचंभित रह गई थी। तब 19 साल के रहे अक्षय ने 15 हत्याओं में शामिल रहने के साथ ही 25 वारदातें कबूल की थीं। इनमें कई हत्वाएं तो अक्षय ने लॉस्ंस गैंग के सहयोगी संपत नेहरा के साथ मिलकर को थीं। संदीप उर्फ काला जठेड़ी अलग-अलग गैंग से मिलकर अपनी ताकत बढ़ाता रहा है। लॉरेंस गैंग से जुड़ने के बाद बह अपराध जगत में तेजी से बढ़ता गया। हत्या, लूट, रंगदारी और पुलिस मुठभेड़ जैसे मामलों में मामजद रहा है। गिरफ्तारी से पहले उस पर सात लाख रुपय्रे का इनाम था। लॉरेंस के जेल जाने के बाद उसका गैंग राजू बसौदी संभाल रहा था। एसटीएफ ने राजू को गिरफ्तार किया तो कस्टड़ी से भागे काला जठेड़ी ने कमान संभाल ली थी।
देश विदेश में गुर्गे चला रहे गैंग
शेहित गोदराः विदेश में बैठा बीकानेर निवासी मोदारा 32 मामलों में वांछित है। उसने हाल ही में राजस्थान के दो व्यापारियों से 5 करोड़ और 17 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी।
गोल्डी बराड़: सतव्विंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के खिलाफ पंजाब- हरियाणा में 54 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 24 जबरन चसूली से जुड़े हैं।
काला जठेड़ी: हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला काला जठेड़ी उर्फ संदीप झांझरिया तिहाड़ जेल में बंद है।
अनपोल बिशएनोई: लॉरेंस का भाई अनमोल उर्फ भानु सिद्धू मुसेवाला की हत्या में भी आरोपी है।
सचिन विश्नोई: सचिन फाजिल्का जिले का रहने वाला है। सिद्ध मूसेवाला की हत्या में कथित रूप से शामिल सचिन बिश्नोई उर्फ सचिन धापन को अगस्त 2023 में अजरबैजान के बाकू से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। सचिन ने एक इंटरव्यू में कहा कि लॉरेंस उसका मामा है और उसने खुद मूसेवाला को गोली मारी थी।
कपिल सांगवान: यह अभी परिवार के साथ यूके में रहता है। इनेलो की हरियाणा इकाई के प्रमुख नफे सिंह राठी की हत्या की साजिश के बाद उसे शीर्ष पांच वांछित गैंगस्टरों की सूची में शामिल किया गया।