Karnataka: खरगे के परिवार पर BJP का वार, सरकारी जमीन लौटाने पर कहा- यह अपराध का कबूलनामा

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बेंगलुरु । भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के परिवार पर निशाना साधा। दरअसल, खरगे के बेटे राहुल खरगे ने हाल ही में कर्नाटक उद्योग क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) को चिट्ठी लिखकर अपील की थी कि वह परिवार के ट्रस्ट को आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन वापस ले ले। इसी को लेकर भाजपा ने कांग्रेस और खरगे परिवार को घेरा।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह जमीन लौटाना खरगे परिवार को उसके भ्रष्टाचार और शक्तियों के गलत इस्तेमाल के आरोपों से मुक्त नहीं कर देता। बल्कि यह उनके अपराध का कबूलनामा है।

सीएम का परिवार भी जमीन लौटाकर आरोपों से भागने की कोशिश की

पूनावाला ने कहा, “5000 करोड़ के मुदा घोटाले, जिसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सबसे पहले आरोपी और उनकी पत्नी दूसरे नंबर की आरोपी हैं, उसका खुलासा भाजपा ने किया था। सिद्धारमैया के परिवार ने भी जमीन लौटाकर आरोपों से भागने की कोशिश की थी। अब सिद्धारमैया की तरह ही हम खरगे परिवार को पांच एकड़ जमीन लौटाने की कोशिश करते देख रहे हैं। वह जमीन, जो उन्हें केआईएडीबी की एयरोस्पेस पार्कलैंड योजना के तहत अवैध तरह से आवंटित की गई।”

ताकत के गलत इस्तेमाल के आरोपों से क्लीन चिट नहीं

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह जमीन वापस करने से वे अपराध से मुक्त नहीं हो सकते। इससे वे भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हो सकते। इस कदम से उन्हें ताकत के गलत इस्तेमाल के आरोपों से क्लीन चिट नहीं मिल सकती। लेकिन हां, जिस तरह मुदा घोटाले में जमीन लौटाने के सिद्धारमैया के परिवार के कदम ने उनके अपराध के कबूलनामे को सामने ला दिया था, उसी तरह खरगे परिवार के जमीन लौटाना भी उनका अपराध का कबूलनामा है।

पूनावाला ने भ्रष्टाचार के मामलों में कथित तौर पर शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की।

भाजपा ने उठाया था जमीन आवंटन का मुद्दा

भाजपा के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में साइट के आवंटन पर सवाल उठाए थे और इसे ‘सत्ता का दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद बताया था। भाजपा के राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने भी ‘एक्स’ पर इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, खड़गे परिवार एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया कि उसे केआईएडीबी की जमीन मिल जाए? क्या यह सत्ता के दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद नहीं है? बता दें कि, ट्रस्ट ने 12 फरवरी, 2024 को केआईएडीबी को अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और एक महीने बाद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी।

अनुरोध लिया वापस

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे के छोटे बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पत्र की स्कैन की गई प्रतियों के साथ जानकारी साझा की है। 20 सितंबर को कर्नाटक औद्योगिक विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे पत्र में राहुल खड़गे ने लिखा, मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर और एक शोध केंद्र स्थापित करने के लिए सिविक एमेनिटी साइट के लिए हमारे अनुरोध को वापस लिया गया है।

उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट का उद्देश्य छात्रों और बेरोजगार युवाओं के लिए प्रौद्योगिकियों में कौशल विकास के माध्यम से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना है। राहुल खड़गे ने कहा कि, प्रस्तावित मल्टी-स्किल डेवलपमेंट सेंटर का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अधिक रोजगार योग्य बनाना और उन्हें कौशल और भविष्य के कौशल के साथ उद्योग के लिए तैयार करना है। इसे उन छात्रों की मदद करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है जो कॉलेज की शिक्षा हासिल करने में असमर्थ हैं।

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