Uttarakhand: चार दिन से ट्रेजरी ठप, ₹540 करोड़ के भुगतान फंसे
- देवभूमि उत्तराखण्ड में साइबर हमला
- राज्य के कोषागार से प्रतिदिन 180 करोड़ रु का होता है औसतन भुगतान
Cyber Attack: देवभूमि उत्तराखण्ड के कोषागार विभाग पर साइबर हमले के बाद से चार दिन से एकीकृत वित्तिय प्रबंधन प्रणाली आईएफएमएस की सारी सेवाएं ठप पड़ी है। हमले के दिन से ही देवभूमि में ट्रेजरी का कामकाज पूरी तरह से ठप है। राज्य के कोषागार से प्रतिदिन औसतन 180 से 200 करोड़ रु. तक के बिलों का भुगतान होता है। इस हिसाब से पिछले तीन दिनों में ₹540 करोड़ से अधिक के बिलों का भुगतान लटकने का अनुमान है।
एहतियातन एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) की सभी सेवाएं पूरी तरह से बद कर दी गई हैं। सचिव वित्त दिलीप जावलकर के मुताबिक, स्टेट डाटा सेंटर से हरी झंडी का इंतजार है। जैसे ही वहां से हरी झंडी मिलेगी, आईएफएमएस की सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। हालांकि, सचिव वित्त फिलहाल किसी भी वित्तीय नुकसान से इन्कार कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों का मानना है कि स्थितियां सामान्य होने के बाद ही पता चल पाएगा कि वास्तव में कितना और क्या नुकसान हुआ। बता दें कि आईएफएमएस वित्त विभाग का एक महत्वपूर्ण पोर्टल है, जिससे कर्मचारियों के वेतन और अन्य सेवाओं का संचालन होता है।
बिल रायल्टी, करों, जीएसटी का राजस्व मिलना भी है बंद
तकनीकी संकट गहराने से पिछले चार दिन से राज्यकर्मियों और पेंशनरों को किसी भी तरह की एसएमएस सेवा प्राप्त नहीं हो रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बिलों, रायल्टी, करों, जीएसटी व अन्य से प्रतिदिन प्राप्त होने वाला राजस्व भी अभी कोषागारों में नहीं पहुंच पा रहा है। ज्ञात हो कि लेनदेन की यह व्यवस्था तब तक ठप रहेगी, जब तक स्टेट डाटा सेंटर साइबर हमले से नहीं उबर जाता है।
डेढ़ लाख कर्मचारियों का अटक जाता वेतन
वित्त विभाग के लिए सुकून की बात यह है कि साइबर हमला तीन अक्टूबर को हुआ। यदि वह दो दिन पहले होता तो राज्य के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों का वेतन अटक जाता। सचिव वित्त के मुताबिक, कर्मचारियों का वेतन पहले ही जारी हो चुका है। वित्त विभाग ने तीन अक्टुबर तक सभी कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया था।