Uttarakhand News: ‘ पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी ‘

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  • युवाओं के पलायन को रोकने के लिये प्रभावी चिंतन की जरूरत
  • ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 7वीं बैठक की सीएम धामी ने की अध्यक्षता

युवाओं के पलायन को रोकने के लिये सीएम धामी ने प्रभावी चिंतन की जरूरत बतायी है। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन के कारणों का गहराई से अध्ययन किये जाने व युवाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता के लिये ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशालाओं के आयोजन और जनपद स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा के निर्देश भी सीएम धामी ने दिये हैं।

इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों का सहयोग लिये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही है। उन्होंने कहा कि आयोग के सुझावों पर शासन स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने राज्य की रिवर्स माइग्रेशन की स्थिति का अध्ययन एवं राज्य में वापस आये लोगों के अनुभवों का लाभ लेने पर भी ध्यान देने को कहा।

राज्य स्थापना दिवस के आसपास प्रदेश में आयोजित प्रवासी सम्मान समारोह के आयोजन तथा हाउस ऑफ हिमालयाज की सफलता के लिये राज्य के परम्पारागत उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बतायी है। ज्ञात हो कि शुक्रवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 7 वीं बैठक का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री धामी ने की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो उसके लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास भी किये जा रहे हैं। उद्योग, पर्यटन, कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास भी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में वन पंचायत नियमावली को मंजूरी दी गई है। इससे जड़ीबूटी उत्पादन, वृक्षारोपण, जल संचय, वनाग्नि रोकथाम एवं इकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य हो सकेंगे तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।

उन्होंने वन पंचायतों एवं सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर जंगली जानवरों से खेती के नुकसान को कम करने पर भी ध्यान देने को कहा इससे हाउस ऑफ हिमालयाज के लिये उत्पादों की उपलब्धता में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिनेशन बने, इस दिशा में भी प्रयास होने चाहिए। यहां का सौंदर्य देश व दुनिया के लोगों को आकर्षित करता रहा है। राज्य सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये राज्य में विस्तृत नीति तैयार करने जा रही है। शीघ्र ही इसके परिणाम भी सामने आयेंगे।

इस बैठक में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष एस एस नेगी ने कहा कि आयोग द्वारा अब तक 21 रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी हैं। जिनमें राज्य के विभिन्न जनपदों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने तथा पलायन को कम करने से सम्बन्धित सिफारिसें प्रस्तुत की गई हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा राज्य में पलायन की स्थिति पर द्वितीय सर्वेक्षण रिपोर्ट भी शासन को प्रस्तुत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा दिए जाने के लिए विभिन्न स्थनों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।

सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के अनुसार जनपद पौड़ी, चमोली एवं रूद्रप्रयाग के लिए प्रथम ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला पौड़ी में जनपद बागेश्वर, नैनीताल एवं अल्मोडा के लिए द्वितीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला हल्द्वानी नैनीताल में, जनपद पिथौरागढ़, चम्पावत एवं ऊधमसिंह नगर के लिए तृतीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला का आयोजन रूद्रपुर, ऊधमसिंह नगर में एवं जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून एवं हरिद्वार के लिए चतुर्थ ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला का आयोजन देहरादून में किया गया।

इस बैठक में आयोग के सदस्यों ने बताया कि उनके द्वारा भारत चीन अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जनपद उत्तरकाशी चमोली एवं पिथौरागढ़ के क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों से संवाद किया गया एवं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा भी की गयी। पलायन पर विधान सभा समिति की उपस्थिति में सुझावों पर विचार के साथ ही वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालयों के साथ बैठकें एवं समय-समय पर आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न विभागों के साथ बैठकों में मांगे गए सुझावों पर आयोग द्वारा कार्य गतिमान है।

उनका मानना था कि राज्य में लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने, पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ने के साथ ही अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर वेडिंग की सुविधायें विकसित करने पर ध्यान देने का सुझाव रखा। सीएम धामी ने अपने जनपदों के प्रवास में होम स्टे में रात्रि विश्राम की परम्परा को सभी ने होम स्टे योजना को बढ़ावा देने वाला बताया।इस बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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