केजरीवाल की जमानत पर सियासत शुरू, आप बोली सच की जीत हुई, भाजपा ने मांगा इस्तीफा
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर आम आदमी पार्टी गदगद हो गई है. पार्टी इसे सच की जीत बता रही है. उधर भाजपा इस्तीफा मांग रही है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइंया की बेंच ने 10 लाख के बॉन्ड पर केजरीवाल को जमानत दी है. केजरीवाल को यह जमानत शराब घोटाले के सीबीआई केस में मिली है. इससे पहले उन्हें 12 जुलाई को ही ईडी केस में बेल मिल चुकी थी, लेकिन सीबीआई केस की वजह से उन्हें जेल में रहना पड़ा. केजरीवाल की जमानत का फैसला सुनाते हुए जस्टिस भुइयां ने बड़ी टिप्पणी की है, उन्होंने कहा है कि सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की छवि से मुक्त होना चाहिए. उधर केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद सियासत भी जोरों पर है. एक ओर बीजेपी केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर सवाल उठा रही है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के नेता इसे सच की जीत बता रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने तो इसे मोदी सरकार के लिए करारा तमाचा बताया है.
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि यह झूठ और साजिश के खिलाफ सत्य की जीत है. सिसोदिया ने बिना नाम लिए मोदी सरकार को तानाशाह भी बताया है, सांसद राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए लिखा है कि सच को परेशान किया जा सकता है लेकिन पराजित नहीं. चड्ढा ने लिखा, आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बेटे अरविंद केजरीवाल को जेल की बेड़ियों से आजाद करने का फैसला सुना दिया है. दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने भी सत्यमेव जयते लिखकर एक्स पर खुशी जाहिर की है. आप के राज्यसभा सांसद और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी केजरीवाल को बेल मिलने पर प्रतिक्रिया दी है. हरभजन सिंह ने लिखा है कि, केजरीवाल की रिहाई से आम आदमी पार्टी को एकजुट और मजबूत करने में मदद मिलेगी, साथ ही इससे हरियाणा में पार्टी के कार्यकर्ताओं को बल मिलेगा.
बीजेपी ने केजरीवाल की जमानत पर तंज करते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है. बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल अब जेल वाले सीएम से बेल वाले सीएम बन गए हैं. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि केजरीवाल में नैतिकता नहीं बची है, कोर्ट ने उन्हें आईना दिखा दिया है. बीजेपी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया है, लिहाज़ा उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि केजरीवाल को भले ही जमानत मिल गई हो लेकिन उन्हें अब मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने सीएम केजरीवाल पर सवाल उठाया है कि जब वह मुख्यमंत्री का काम ही नहीं कर सकेंगे तो मुख्यमंत्री क्यों बने हुए हैं? सचदेवा ने कहा कि शर्तों के साथ जमानत मिलना कोई उपलब्धि नहीं है.
अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध है और उनपर मुकदमा चलेगा. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल अब जयललिता, लालू यादव, मधु कोड़ा जैसे मुख्यमंत्रियों की सूची में जुड़ गए हैं और उन्हें भी जमानत मिली थी लेकिन वह जल्द ही सज़ा पाकर फिर जेल जाएंगे. दरअसल अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में 2 अलग-अलग याचिकाएं लगाईं थी, केजरीवाल की एक याचिका में जमानत की मांग की गई थी तो दूसरी याचिका में शराब घोटाले में गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइंया ने उन्हें जमानत तो दे दी लेकिन गिरफ्तारी के मामले में दोनों जजों की राय अलग-अलग रही, जस्टिस सूर्यकांत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध माना है तो वहीं जस्टिस भुइंया ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया है.