Kedarnath by-Election: चुनावी जंग के लिए केदारनाथ की जमीन को उपजाऊ बनाने की तैयारी

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  • धामी सरकार ने लगाया पूरा जोर

केदारनाथ उपचुनाव की जंग से पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा केदारनाथ की जमीन को अपने लिए उपजाऊ ( उर्वरा ) बना देना चाहती है।
इसके लिए सरकार से लेकर संगठन तक ने ताकत झोंक दी है। मानसून के दौरान जो आपदाएं आई उसके जख्मों पर राहत का मरहम लगाने के लिए सीएम धामी ने प्रभावित व्यापारियों के लिए 9 करोड़ रुपये का पैकेज जारी कराया है।

जबकि दूसरी ओर संगठन ने भी सरकार के 5 प्रमुख मंत्रियों को केदारनाथ विधानसभा के मंडल वार जिम्मेदारी सौंपी है।
ऐसे में सरकार के मंत्रियों को पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ मिलकर जल्द मोर्चे पर उतारने की तैयारी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि जिम्मेदारी मिलने के बाद अब मंत्री मोर्चे पर उतर जाएंगे।
वे जल्द ही मंडल स्तर पर जन संवाद और बैठकें शुरू करेंगे। साथ ही वे देवभूमि में चल रहे सदस्यता अभियान से भी लोगों को जोड़ेंगे।

वोटों को भाजपा की सदस्यता में तब्दील करने का जिम्मा
भट्ट ने प्रत्येक विधायक को उनकी ही विधानसभा में लोकसभा चुनाव में मिले कुल प्राप्त वोटों को सदस्यता में तब्दील करने का टाॅस्क भी विधायकों को दिया है।
शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ सीट खाली है इसलिए इस सीट पर वोटों को भाजपा की सदस्यता में बदलने का जिम्मा भी मंत्रियों से लेकर पार्टी पदाधिकारियों के कंधे पर है।

ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को केदारनाथ सीट पर 30,536 वोट प्राप्त हुए थे जो 2022 में कुल प्राप्त 21,866 वोटों से अधिक हैं।
इसके तहत केदारनाथ सीट पर लोकसभा में कांग्रेस को 20,164 वोट प्राप्त हुए। कांग्रेस ने भी विधानसभा में प्राप्त 12,557 वोटों की तुलना में अपने वोटों में खासा इजाफा किया।

वहीं इस सीट पर 13,423 वोट निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत को भी मिले थे, जो कि अब भाजपा में हैं।

इधर, बद्रीनाथ की जीत से कांग्रेस उत्साहित
बदरीनाथ उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस काफी उत्साहित है इसलिए पीसीसी से लेकर एआईसीसी तक का केदारनाथ चुनाव पर फोकस है। पार्टी इस उपचुनाव में माहौल बनाने के लिए फिर से यात्रा शुरू करने की तैयारी में है।

उधर, भाजपा भी नहीं छोड़ेगी अपनी कोई कसर 
जहां एक ओर बद्रीनाथ की जीत से उत्साहित कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में भी जीत की आशा बांधी हुई है तो वहीं भाजपा भी इस सीट पर अपनी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
इसके पीछे भाजपा का तर्क है कि बदरीनाथ सीट उसके कब्जे वाली नहीं थी, लेकिन केदारनाथ पर पहले से उसका कब्जा है। वहीं पार्टी संगठन और सरकार के स्तर पर भी हर तरह से कोशिश की जाएगी।

इसके तहत सरकार के पांच मंत्रियों सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा और रेखा आर्य को मैदान में उतार दिया गया है।

इनका मुख्य कार्य आचार संहिता लागू होने से पहले ही पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर मंडल स्तर पर स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करना है और उन्हें पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिए भी प्रेरित करना है।

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