भोपाल में मोहन यादव पलटेंगे शिवराज का फैसला, दिल्ली जाकर मंत्री मनोहर लाल खट्टर से की मुलाकात

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की और राज्य के विकास के लिए मदद मांगी। यादव ने बताया कि सीपीए भोपाल शहर में सड़कों, पार्कों और इमारतों के निर्माण, विकास और रखरखाव के साथ-साथ नजूल भूमि के संरक्षण और विकास के लिए जिम्मेदार था। तत्कालीन शिवराज सरकार ने इसे विधानसभा चुनाव से पहले बंद कर दिया था।मुख्यमंत्री ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भोपाल शहर में बंद पड़े ‘कैपिटल प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेशन’ (सीपीए) को फिर से शुरू करने के लिए वित्तीय मदद मांगी।

2022 में शिवराज सिंह चौहान ने कर दिया भंग

दरअसल, भोपाल में सीपीए बहुत पहले से थी। साल 2022 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे भंग कर दिया था। इसका गठन भोपाल में पहली बार सुविधाओं को विकसित करने के लिए 1960 में किया गया था। इसके बाद से कुछ सड़कें और पार्क सीपीए के अधीन होती थी। शिवराज सिंह चौहान ने सड़कों की खास्ता हालत देखते हुए इस पर नाराजगी व्यक्त की थी और इसे भंग करने का फैसला किया था।
मोहन यादव पलटेंगे शिवराज का फैसला

वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री से सीपीए को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय से वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सीपीए के पुनरुद्धार के साथ, यह फिर से भोपाल शहर के विकास गतिविधियों में योगदान करने में सक्षम होगा। केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

विकास में आएगी तेजी

अभी नए शहर में अलग-अलग एजेंसियों के बीच शहर का विकास उलझा रहता है। सीपीए का नए प्रारूप में गठन होगा। इसमें कई बदलाव भी होंगे। केंद्र से फंड मिलने के बाद इस दिशा में कार्रवाई शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सीपीए को बंद करने का फैसला किया था और इसे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में मिला दिया गया था।

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