चार साल में 1.20 लाख करोड़ की जीएसटी चोरी, 59000 फर्जी कंपनियों की जांच जारी और अब तक 170 गिरफ्तार

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नई दिल्ली। चार साल की कार्रवाई में देश में 59,000 फर्जी कंपनियों का भी पता चला है। इनके खिलाफ जांच चल रही है और 1.20 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है। मंत्रालय ने बताया कि फर्जी तरीके से इनपुट क्रेडिट टैक्स का लाभ उठाने वाले 170 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। टैक्स चोरी करने वालों की पहचान और उनके मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर खास अभियान चला रखा है। इस बार यह अभियान 16 अगस्त से 15 अक्‍टूबर तक चलेगा।

अभियान के दौरान संदिग्ध व फर्जी जीएसटीआईएन की पहचान की जाएगी, कंपनियों का सत्यापन और फर्जी बिल देने वालों को जीएसटी इकोसिस्टम से हटाने के उपाय करना शामिल है। अगर जीएसटीआईएन फर्जी है या मौजूद ही नहीं है, तो कर अधिकारी पंजीकरण को निलंबित करने और रद्द करने तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने की कार्रवाई शुरू करेंगे। राजस्व सचिव संजय मलहोत्रा ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा, कार्रवाई और कारोबार को आसान बनाने के बीच संतुलन की जरूरत है। जीएसटी रिटर्न में लागू किए गए हालिया बदलाव जैसे जीएसटीआर-1ए से व्यवस्थित तरीके से चोरी से निपटने के प्रयासों में मदद मिलेगी।

जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय यानी डीजीजीआई को बीते साल मई में चलाए विशेष अभियान में 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध जीएसटी चोरी से जुड़े करीब 22,000 फर्जी पंजीकरणों का पता चला था। देश में करीब 1.4 करोड़ से अधिक जीएसटी पंजीकरण हुए हैं। हालांकि इसमें से कुछ फर्जी तरीके से किए गए हैं। इस साल अप्रैल में रिकॉर्ड 2.10 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह रहा है।

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