रतन टाटा करेंगे सेमीकॉन चिप का निर्माण, 27 हजार करोड़ खर्च कर 27 हजार नौकरी देंगे

0

नई दिल्‍ली. सबसे बड़े उद्योगपतियों में एक रतन टाटा ने स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप का सपना देखा था. इस सपने का अर्थ था भारत समेत दुनिया की निर्भरता चीन पर से कम हो जाए. अब वो सपना जल्द पूरा होता दिख रहा है. क्योंकि असम के अंदर देश का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट का निर्माण शनिवार से शुरू हो गया है. इसका भूमि पूजन मोरीगांव जिले के जागीरोड में किया गया.

लगभग 27 हजार करोड़ रुपए में तैयार हो रहे इस प्लांट में कई हजार लोगों को जॉब तो मिलेगी. दूसरी ओर देश में रोज करोड़ सेमीकॉन चिप का निर्माण होगा. इसका मतलब है कि भारत की निर्भरता चीन और दुनिया के उन चुनिंदा देशों से खत्म हो जाएगी जो सेमी कंडक्टर चिप निर्माण में मोनोपॉली रखते हैं. कुछ ही सालों में भारत सेमीकॉन चिप का एक्सपोर्टर बनने की राह पर चलता हुआ दिखाई देगा.खास बात तो ये है कि इस मौके पर भले ही रतन टाटा मौजूद ना हो, लेकिन उन्होंने मौलूदा टाटा संस चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के हाथों पर अपना मैसेज भी भिजवाया. जिसमें उन्होंने इस प्लांट को लेकर अपनी शुभकामनाएं दी हैं. असम में बनने जा रहा ये प्लांट देश में चिप की कमी को पूरा तो करेगा ही, साथ देश राज्य में जॉब की समस्या को भी काफी हल करने का प्रयास करेगा. जो कि देश के युवाओं के लिए मौजूदा समय में काफी अहम है.

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने शनिवार को असम में अपने 27,000 करोड़ रुपए के चिप असेंबली प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया, जिसके अगले साल चालू होने की उम्मीद है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस प्लांट के शुरू होने के साथ ही 27,000 नौकरियां पैदा होंगी. शनिवार को भूमि पूजन के दिन असम के चीफ मिनिस्टर के साथ टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि इस प्लांट के लिए पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की ओर से शुभकामनाएं दी गई हैं.

चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी ने पहले ही असम से 1,000 लोगों को रोजगार दिया है. आने वाले दिनों में जब ये प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करेगा लगेगा तो 27 हजार से ज्यादा लोगों को जॉब देगा. जिसमें 15 हजार से ल्यादा डायरेक्ट जॉब जेनरेट होगी और 12 हजार से ज्यादा जॉब इनडायरेक्ट तौर पर पैदा होंगी. उन्होंने कहा कि हम तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं. हम इस कारखाने के निर्माण में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि 2025 तक इस प्लांट का निर्माण पूरा हो जाएगा और इसका ऑपरेशनल भी शुरू हो जाएगा.

असम के चीफ मिनिस्टर हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह असम के लोगों के लिए ‘स्वर्णिम दिन’ है और उन्होंने इस ज्ञलांट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और टाटा संस लिमिटेड को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री ने टाटा संस लिमिटेड के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को आश्वासन दिया कि कंपनी को इस प्लांट की स्थापना में कोई कठिनाई नहीं होगी और असम के लोग इसके लिए हमेशा आभारी रहेंगे.
राज्य में उग्रवादी गतिविधियों में कमी आने के बाद भी बहुत कम निजी कंपनियां राज्य में निवेश करने को तैयार थीं, लेकिन सरमा ने कहा कि मैंने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी, गुवाहाटी) का सह-प्रायोजक बनने के लिए चंद्रशेखरन से संपर्क किया था, जो उस समय टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के प्रबंध निदेशक थे, उन्होंने तुरंत सहमति दे दी थी. सरमा ने कहा कि टाटा असम के लिए नई नहीं हैं और वे चाय उद्योग, कैंसर देखभाल, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं, ऑटोमोटिव और अब इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कई क्षेत्रों में यहां काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि टाटा देश के किसी भी राज्य में यह उद्योग स्थापित कर सकते थे, लेकिन उन्होंने असम को चुना और हम इसके लिए आभारी हैं.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव वैष्णव ने कहा कि प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के पांच महीने के छोटे से अंतराल में प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है. यह प्रतिदिन लगभग 4.83 करोड़ चिप का निर्माण करेगा. इस प्लांट की खास बात यह है कि इस प्लांट में इस्तेमाल की जाने वाली तीनों प्रमुख टेक्नोलॉजी भारत में विकसित की गई हैं. मंत्री ने कहा कि टाटा संयंत्र में निर्मित चिप का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों सहित विभिन्न वाहनों में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संचार और नेटवर्क अवसंरचना, 5जी, राउटर आदि बनाने वाली हर बड़ी कंपनी इन चिप का उपयोग करेगी.

वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर एक बुनियादी उद्योग है. जब भी कोई सेमीकंडक्टर यूनिट आएगी, तो बहुत सारे सहायक रोजगार सृजित होंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि पारिस्थितिकी तंत्र इतना जटिल है कि मातृ इकाई के आते ही बहुत सारी इकाइयां आ जाती हैं. मंत्री ने आगे कहा कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन का एक बड़ा हिस्सा 85,000 कुशल पेशेवरों को तैयार करना है और पूर्वोत्तर के 9 संस्थानों ने इस पर काम शुरू कर दिया है.उन्होंने कहा कि असम में एनआईटी सिलचर, एनआईटी मिजोरम, एनआईटी मणिपुर, एनआईटी नागालैंड, एनआईटी त्रिपुरा, एनआईटी अगरतला, एनआईटी सिक्किम, एनआईटी अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में दो संस्थान – नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी और एनआईटी – सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए स्किल डेवलपमेंट में शामिल हैं.

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed