भारतीय कार और बाइक्स की विदेश में बढ़ी डिमांड, निर्यात में आया 19% का भारी उछाल

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नई दिल्‍ली। भारत में बनी कारें और बाइक्‍स विदेशियों को लुभी रहीं हैं। विदेशों भारतीय वाहनों की बढ़ती मांग से निर्याता में निर्यात में आया 19% तक का उछाल आया है। भारत से होने वाले ऑटोमोबाइल निर्यात में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 15.5% की बढ़ोतरी हुई है। एसआईएएम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, सभी कैटेगिरी में विदेशों को ऑटोमोबाइल शिपमेंट बढ़ा है। एसआईएएम के बयान में कहा गया है कि पिछली तिमाही में कुल ऑटोमोबाइल शिपमेंट 11,92,577 यूनिट रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 10,32,449 यूनिट थी।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत से विदेशी बाजारों में पैसेंजर वाहनों का निर्यात 180,483 यूनिट रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 152,156 यूनिट के मुकाबले 19% की बढ़ोतरी है। इसमें मारुति सुजुकी ने इस साल अप्रैल से जून के बीच विदेशी बाजारों में 69,962 यूनिट का निर्यात किया। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कार निर्माता ने 62,857 यूनिट का निर्यात किया था। भारत का दूसरा सबसे बड़ा पैसेंजर वाहन निर्माता हुंडई मोटर इंडिया ने पिछली तिमाही में 42,600 यूनिट का निर्यात किया, जो एक साल पहले की समान अवधि में भेजी गई 35,100 यूनिट से ज्यादा है।

पैसेंजर वाहनों के अलावा पिछली तिमाही में दोपहिया वाहनों के निर्यात में भी डबल-डिजिट अंक की वृद्धि दर्ज की गई। इस साल अप्रैल से जून के बीच भारत से विदेशी बाजारों में दोपहिया वाहनों का निर्यात 923,148 यूनिट रहा, जो एक साल पहले की अवधि में दर्ज 791,316 यूनिट के मुकाबले 17% की बढ़ोतरी है।अलग-अलग कैटेगिरी में वाहनों के निर्यात में वृद्धि के साथ एसआईएएम ने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास में एक सकारात्मक रुझान देखा है। इस बारे में बात करते हुए एसआईएएम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि उद्योग के लिए यह एक अच्छा संकेत है कि निर्यात अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा संकेत है कि निर्यात खास तौर पर कॉमर्शियल वाहन सेगमेंट में कम हो गए हैं। इस साल की पहली तिमाही से हमने वृद्धि देखना शुरू कर दिया है।


भारत से होने वाले ऑटोमोबाइल निर्यात में वित्त वर्ष 2024 में 5.5% की गिरावट आई थी, क्योंकि विदेशी बाजारों में मौद्रिक संकट था। पिछले वित्त वर्ष में कुल निर्यात 45,00,492 यूनिट रहा, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 47,61,299 यूनिट था। हालांकि, पिछली तिमाही में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि उद्योग में काफी सुधार हो रहा है। भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए यह एक बहुत अच्छा संकेत है कि देश से विदेशों में वाहन भेजने का कारोबार फिर से पटरी पर आ रहा है।

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