फरवरी में 71.95 अरब डॉलर रहा भारत का निर्यात, 3 अरब डॉलर की आई गिरावट

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade) के मोर्चे पर बीते महीने निर्यात (Export) में 3.02 अरब अमेरिकी डॉलर (US$3.02 billion) कमी देखने को मिली है। फरवरी में भारत का कुल निर्यात (India’s total exports) 71.95 अरब डॉलर का रहा है जो उससे पहले जनवरी में 74.97 अरब डॉलर का रहा था। हालांकि सालाना आधार पर देखा जाए तो उसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फरवरी 2024 में देश का कुल निर्यात 69.74 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा था। सालाना आधार पर निर्यात में 2.21 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है।
व्यापार घाटा 4.43 अरब डॉलर का रहा
सोमवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि बीते महीने निर्यात और आयात (Import) के बीच अंतर यानी व्यापार घाटा 4.43 अरब डॉलर का रहा है, जो बीते वर्ष की समान अवधि में 6.41 अरब डॉलर का रहा था। हालांकि जनवरी में अंतर 2.67 अरब डालर का था। इस तरह से जनवरी की तुलना में फरवरी में निर्यात और आयात के बीच अंतर बढ़ा है।
सर्विस सेक्टर की अच्छी रफ्तार
क्षेत्रों के हिसाब से देखा जाए तो फरवरी में सर्विस सेक्टर में अच्छी तेजी देखने को मिली है। सर्विस सेक्टर का निर्यात फरवरी 2024 के 28.33 अरब डॉलर से बढ़कर बीते महीने 35.03 प्रतिशत रहा है। इस अवधि में सर्विस सेक्टर के आयात में भी इजाफा देखने को मिली है, लेकिन वह बेहद कम है।
बीते साल की समान अवधि में सर्विस सेक्टर का आयात 15.23 अरब डॉलर का था जो बीते महीने बढ़कर 16.55 अरब डॉलर का रहा है। इसी तरह से अन्य वस्तुओं निर्यात बीते वर्ष की तुलना में 41.41 से गिरकर 36.91 अरब डॉलर का रहा है। निर्यात भी 60.92 से घटकर 50.96 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा है।
इन चीजों के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी
मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि बीते महीने इलेक्ट्रॉनिक्स, रेडीमेट कपड़े, टैक्सटाइल, समुद्री उत्पाद और कॉफी के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है। कॉफी की मांग यूरोप में बेल्जियम समेत अन्य देशों में बढ़ी है।
चालू वित्तीय वर्ष में इंजीनियर गुड्स का एक्सपोर्ट अव्वल
आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में बीते वित्तीय वर्ष की समान अवधि के मुकाबले अब तक एक्सपोर्ट के मामले में इंजीनियरिंग प्रोडक्ट पहले पायदान पर है। उसके बाद पेट्रोलियम और इलेक्ट्रिक उत्पाद का नंबर आता है। आयात के लिहाज से देखा जाए तो पेट्रोलियम व कच्चा पहले नंबर पर है। उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स,सोना, मशीनरी और इलेक्ट्रिक उत्पादों का नंबर आता है।