अब पीली ओर लाल गोभी बनाएगी आपको फिट
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स्वाद और सेहत के रंग: छह किस्म के आलू, दो नई गोभी लेकर पहुंचा पंतनगर विवि, चेरी टमाटर की किसमें, जड़ी बूटी अनुसंधान केंद्र बांट रहा चंदन के पौधे
देहरादून। सफेद रंग की फूलगोभी तो हमारे भोजन में आम है, लेकिन देवभूमि उत्तराखंड स्थित पंतनगर विवि की पीली और लाल रंग की गोभी कुछ अलग ही है। यह न केवल स्वास्थ्यवर्धक होगी, बल्कि किसानों के लिए भी ज्यादा कमाऊ है। बसंतोत्सव में पंतनगर विधि ने इसका स्टॉल लगाया है।
इस संबंध में सब्जी अनुसंधान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. ललित भट्ट ने बताया किलाल और पीली फूलगोभी की विशेष प्रजाति तैयार की गई है। माना जा रहा है कि इससे मोटापा कम होगा। साथ ही यह दिल की बीमारियों से लड़ने में सहायक भी होगी। इस गोभी में कैंसर रोधी क्षमता भी अधिक होगी। 15 सितंबर के आसपास रंगीन गोभी लगाई जा सकती है। 70 दिनों में रंगीन गोभी की फसल तैयार हो जाती है। एक गोभी 800 ग्राम से लेकर एक किलोग्राम तक की हो सकती है। विवि की टीम यहां चेरी टमाटर की कई प्रजातियां भी लेकर आई है।
आलू: हर जरूरत और उत्पादन के हिसाब से प्रजातियां
पंतनगर विधि के डॉ. ललित भट्ट के अनुसार आलू की अलग-अलग प्रजातियां आईं हैं। कुफरी जामुनिया प्रजाति विटामिन सी से भरपूर है। कुफरी उदय प्रजाति का उत्पादन अत्यधिक है। कुफरी चिपसोना प्रजाति चिप्स बनाने में इस्तेमाल होती है। कुफरी फ्राइसोना प्रजाति फ्रेंचफइज के लिए और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए कुफरी हिमालिनी प्रजाति तैयार की गईं है। उन्होंने बताया कि विवि के स्तर से किसानों को हिमालिनी प्रजाति उपलब्ध कराई जा रही है।उन्होंने ये भी बताया कि कुफरी गंगा और कुफरी संगम प्रजाति का उत्पादन भी अत्यधिक है।
पंत पीताभ हल्दी से बढ़ रही किसानों की कमाई
बसंतोत्सव में पंतनगर विवि ने पंत पीताभ हल्दी भी डिस्प्ले की। इसमें करकुमिन पांच से ऊपर होता है। जिससे इसका उत्पादन काफी अधिक हो रहा है। किसानों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हो रही है।
जेजीएस का शहद भी बटोर रहा सुर्खियां
बसंतोत्सव में जेजीएस का शहद भी सुर्खियां बटोर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 1990 में कंपनी के मालिक एस सैनी के द्वारा इसकी शुरुआत की गई थीं। आज उनके पास पहाड़ी शहद,एकेसिया शहद, सरसों के फूलों का शहद, लीची का शहद,जामुन शहद, यूकेलिप्टिस शहद, रोजबुड शहद, तुलसी शहद, स्वीट नीम शहद, सनफ्लावर शहद, अजवाइन का शहद, सौंफ के फूलों का शहद, बहुपुष्प शहद समेत तमाम वैरायटी हैं। बताया जाता है कि शहद किसानों को आय का दूसरा साधन बन सकता है।