छगः 40 लाख रुपये का इनामी 11 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 7 महिलाएं भी शामिल

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले (Narayanpur district) में सुरक्षाबलों को शुक्रवार को उस वक्त बड़ी सफलता मिली, जब 7 महिलाओं समेत कुल 11 नक्सलियों (11 Naxalites) ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों पर कुल 40 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इस बारे में जानकारी देते हुए नारायणपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली उत्तर बस्तर और माओवादियों के माड़ डिविजन में विभिन्न पदों पर सक्रिय थे और उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सामने आत्मसमर्पण किया।
बताया क्यों किया आत्मसमर्पण
हथियार डालने के बाद नक्सलियों ने बताया कि वे माओवादियों की अमानवीय और खोखली विचारधारा, वरिष्ठ नक्सलियों द्वारा भोलेभाले आदिवासियों के शोषण और नक्सली गढ़ों में पुलिस कैंप बनने से निराश हो गए थे। साथ ही उन्होंने बताया कि वे सुरक्षाबलों और प्रशासन द्वारा ‘निया नेल्लार’ (आपका अच्छा गांव) योजना के तहत अबूझमाड़ क्षेत्र के अंदरुनी इलाकों में किए जा रहे विकास कार्यों से भी काफी प्रभावित हुए हैं, जिसके जरिए आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है।
8-8 लाख रुपए के इनामी दो नक्सली
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में से सन्नू उर्फ मंगेश उपेंडी (38) और संतू उर्फ बद्रू वडाडा (35) के सिर पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। जबकि जनिला उर्फ जाल्को कोर्मा (36) पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसके अलावा चार अन्य नक्सलियों पर 3-3 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं तीन माओवादियों पर 2-2 लाख रुपए का इनाम घोषित था, जबकि एक सदस्य पर 1 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
प्रशासन ने दी 25-25 हजार रुपए की त्वरित मदद
आगे उन्होंने बताया कि हथियार डालने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए इन सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की गई है और आगे भी सरकार की नीति के अनुसार ही उनका पुनर्वास किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘माओवादियों का आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस और आईटीबीपी ने अहम भूमिका निभाई है और इस वजह से माओवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है।’ उन्होंने कहा कि ‘माड़ बचाओ अभियान’ की वजह से नक्सल मुक्त अबूझमाड़ का सपना साकार हो रहा है।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को हथियार डालने वाले नक्सली बुर्कापाल घटना समेत कई नक्सल घटनाओं में शामिल रहे थे। अबूझमाड़ में पुलिस की लगातार कार्रवाई, दबिश और पुलिस कैंपों की स्थापना एवं सड़कों के विस्तार सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं से प्रभावित होकर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। बता दें कि पिछले साल नारायणपुर सहित सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।